BY: बिहार न्यूज़ टीम
बिहार राज्य विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा 2018 की लगभग 40 हजार से अधिक कॉपियां 8,500 रूपये में कबाड़ खरीदने वाले को बेच दी गई थी। गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक राशिद जमां ने बताया कि स्कूल में रहने वाले पूजन सिंह और चपरासी चिट्टू सिंह से पूछताछ में बताया कि एक आटोरिक्शा से कापियों को कबाड़ खरीदने वाले पप्पू कुमार गुप्ता को बेचा था। उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार चिट्टू ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि उसने उन उत्तरपुस्त्किाओं को रद्दी समझकर खरीदा था और इसके लिए उसने 8500 रूपये अदा किए थे।
नवादा का कबाड़ी जहाँ बेचीं थीं बोर्ड परीक्षा की कॉपियां
स्ट्रांग रूम से गायब नवादा जिले की मैट्रिक की 42400 कॉपियों को आदेशपाल ने एक कबाड़ी के हाथों बेचा था। इसका खुलासा एआईटी की तफ्तीश के बाद शनिवार को किया गया। टीम ने शहर के हजियापुर के कबाड़ व्यवसायी व एक ऑटो चालक को गिरफ्तार किया है।
कबाड़ व्यवसायी पप्पू गुप्ता व ऑटो चालक संजय कुमार से पूछताछ के बाद टीम ने कबाड़ व्यवसायी की दुकान से एक उत्तरपुस्तिका व पांच खाली बैग बरामद किए। अब एसआईटी सीवान व गोपालगंज के कबाड़ बीनने-खरीदने वाले 300 लोगों को चिह्नित कर गायब कॉपियां बरामद करने के लिए छापेमारी व पूछताछ कर रही है। टीम को आशंका है कि कबाड़ से कॉपी खरीदने के बाद उसे दूसरे जिले या फिर राज्य से बाहर बड़े कारोबारियों के हाथों बेच दिया गया हो। एसपी राशिद जमां ने बताया कि आदेशपाल छठू सिंह ने स्कूल के स्ट्रांग रूम से कॉपियां निकालकर बेची थीं। खुलासा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुआ।
क्या था मामला
नवादा जिले की मैट्रिक की कॉपियों को मूल्यांकन के लिए एसएस बालिका प्लस टू स्कूल भेजा गया था। कॉपियों की जांच के बाद परीक्षार्थियों के प्राप्तांक की शीट बोर्ड को भेज दी गई। जब बिहार बोर्ड ने टॉपरों के वेरीफिकेशन के क्रम में कुछ छात्रों की कॉपियों की मांग की तो सोशल साइंस व विज्ञान की चार कॉपियां नहीं मिलीं। बाद में जांच में 215 बैग से 42400 से अधिक कॉपियां गायब पाई गईं। इस मामले में प्राचार्य ने आदेशपाल व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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