Thursday, June 7, 2018

बिहार इतिहास के पन्नो पर


बिहार भारत के उत्तर भाग में स्थित एक विशेष राज्य है, जो की ऐतिहसिक दृष्टिकोण से भारत का सबसे बड़ा केंद्र हैI बिहार वो राज्य है जिसे प्राचीन काल में मगध के नाम से जाना जाता था और इसकी राजधानी पटना को पाटलिपुत्र के नाम से। बिहार का इतिहास उतना ही पुराना है जितना भारत। यहां मौर्य, गुप्त , मुगल आदि राजवंशो ने, शासकों ने राज किया।  या फिर ऐसा कहना गलत नहीं होगा, की बिहार के बिना भारत अधुरा है. बौध धर्म के लोगो द्वारा यहाँ विहार करने के कारण इस राज्य का नाम बिहार पड़ा. यही पर भगवान् बुध का जन्म हुआ, और इसी पावन भूमि पर महाबोधि मंदिर स्तिथ है. बिहार की पावन भूमि पर अनेकानेक संतो का जन्म हुआ, इसी पावन भूमि पर आचार्य चाणक्य और आर्यभट जैसे विदवान और वैज्ञानिक हुए. जब दुनिया के बहुत से हिस्सों में लोग पढना लिखना भी नहीं जानते थे, उस समय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविध्यालय बिहार की राजधानी पाटलिपुत्र वर्तमान में पटना में स्तिथ था.

बिहार वो राज्य है जो भारत के इतिहास में साहित्यिक, ऐतिहासिक, धार्मिक सभी स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। और आज भी बिहार शिक्षा, संस्कृति और समाजिक -दृष्टि से उतना ही समृद्ध है जितना पहले था। 99 हजार 200 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में विस्तृत बिहार उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड से घिरा हुआ है। 1912 में बंगाल के विभाजन के समय बिहार अस्तित्व में आया। सन 1935 में उड़ीसा और सन 2000 में झारखण्ड को बिहार से विभाजित कर दिया गया.

आधुनिक कल में बिहार

आधुनिक काल के इतिहास में सर्वप्रथम स्थान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का है और इस समय बिहार का योगदान अविस्मरणीय हैI स्वतंत्रता संग्राम में पुरे बिहार ने भिगदरी दी है लेकिन उसवक्त कुछ नाम प्रमुख रूप से रहे जिसमे लोकनायक जय प्रकाश नारायण ,डॉ राजेंद्र प्रसाद, कुँवर सिंह ,मौलाना मजहरुल हक़ , राजकुमार शुक्ल, डॉ. श्री कृष्ण सिंह ,डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह , डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा , अमर सिंह ,जगजीवन राम ,कर्पूरी ठाकुर ,रामधारी सिंह दिनकर ,फणीश्वरनाथ रेणु, जैसे महान पुरुषो का नाम अग्रणी हैI

स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक कल की अविस्मरणीय तिथियाँ

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुवात करने का गौरव बिहार को प्राप्त है ,इस  आंदोलन में पहला अंग्रेज विरोधी संघर्ष सन्यासियो के द्वारा बिहार के पूर्णिया में ई.1770-71 में हुआ जिसका नेतृत्व केना सरकार  और दिरजी नारायण ने कियाI

ई.1710-71
बिहार में सन्यासी विद्रोह , नोनिया आंदोलन

ई.1774
रेगुलेटिग ऐक्ट के अनुसार बिहार में प्रांतीय सभा का गठन

ई.1789-1817
विभिन्न कृषक विद्रोह

ई.1821
बिहार में वहाबी आंदोलन आरम्भ

ई.1857
पटना में पीर अली के नेतृत्व में जान संग्राम , दानापुर  और आरा में सैनिक विद्रोह , बाबू कुँवर सिंह का संघर्ष

ई.1858-60
बाबू कुँवर सिंह द्वारा अंग्रेजो पर विजय , सरदारी लड़ाई

ई.1865
बिहार में वहाबी आंदोलनकारी नेताओ की गिरफ्तारी

ई.1908
प्रफुल्ल चाकी और खुदी राम बोस मुजफ्फरपुर में बमकांड

ई.1912
बिहार प्रान्त का औपचारिक गठनपंडित नेहरू पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए

ई.1916
पटना उच्च न्यायालय की स्थापना हुई और मौलाना मजहरुल हक़ के नेतृत्व में होमरूल आंदोलन प्रारम्भ ,

ई.1917
पटना उच्च विश्वविदयालय की स्थापना हुई और चंपारण में नील मालिको के विरुद्ध गांधी जी का सत्याग्रह

ई.1919
बिहार में खिलाफत आंदोलन आरम्भ और स्वामी विद्या नन्द के नेतृत्व में किशानो का आंदोलन

ई.1920-21
बिहार में असहयोग आंदोलन आरम्भ औरमौलाना मजहरुल हक़ के द्वारा पटना में सदाकत आश्रम और बिहार विद्यापीठ की स्थापना

ई.1928
बिहार में साईमन कमीशन का आगमन और राष्ट्रवादियो द्वारा बहिष्कार

ई.1929-30
किसान सभा का गठन और बिहार में नमक सत्याग्रह आरम्भ

ई.1934
 अप्रैल को पटना में गांधी जी के द्वारा निजी सत्याग्रह का आह्वान

ई.1937
इंडिपेंडेंट पार्ट के बिहार के मोहम्मद युनूस प्रथम प्रधानमंत्री बने और श्री कृष्ण सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस मंत्रिमंडल का गठन

ई.1940
बिहार में सुभाष चन्द्र बोस की फॉरवर्ड ब्लॉक की साखा का गठन

ई.1942-47
बिहार में आजाद दस्ता का गठन और हिन्दू - मुस्लिम दंगे

ई.1947
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात श्री कृष्ण के नेतृत्व में बिहार में प्रथम मंत्रिमंडल का गठन

ई.1959
बिहार में पंचायती राज प्रणाली की शुरुआत

ई.1962-80
इन 18 वर्षो के दौरान 15 नए जिले का गठन और बिहार में कुल जिलो की संख्या 31 हो गयी

ई.1974
पटना  में  जून को जयप्रकाश नरायण द्वारा सम्पूर्ण क्रांति की घोषणा

ई.1979
अक्टूबर  को पटना में लोकनायक जय प्रकाश जी का निधन

ई.1980-90
इस दौरान 11 जिले का गठन और बिहार में कुल जिलो की संख्या 42 हो गयी

ई.1990-2000
इस दौरान 14 और नए जिलो का गठन किया गया

ई.1997
राबड़ी देवी प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनी

ई.2000
15-16 नवम्बर ,2000 की रात्रि को बिहार का विभाजन हुआ और नया राज्य झारखण्ड बना

ई.2000-16-18
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और वर्तमान कर्यकाल



!! जय बिहार !! जय बिहार !!

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Thursday, June 7, 2018

बिहार इतिहास के पन्नो पर


बिहार भारत के उत्तर भाग में स्थित एक विशेष राज्य है, जो की ऐतिहसिक दृष्टिकोण से भारत का सबसे बड़ा केंद्र हैI बिहार वो राज्य है जिसे प्राचीन काल में मगध के नाम से जाना जाता था और इसकी राजधानी पटना को पाटलिपुत्र के नाम से। बिहार का इतिहास उतना ही पुराना है जितना भारत। यहां मौर्य, गुप्त , मुगल आदि राजवंशो ने, शासकों ने राज किया।  या फिर ऐसा कहना गलत नहीं होगा, की बिहार के बिना भारत अधुरा है. बौध धर्म के लोगो द्वारा यहाँ विहार करने के कारण इस राज्य का नाम बिहार पड़ा. यही पर भगवान् बुध का जन्म हुआ, और इसी पावन भूमि पर महाबोधि मंदिर स्तिथ है. बिहार की पावन भूमि पर अनेकानेक संतो का जन्म हुआ, इसी पावन भूमि पर आचार्य चाणक्य और आर्यभट जैसे विदवान और वैज्ञानिक हुए. जब दुनिया के बहुत से हिस्सों में लोग पढना लिखना भी नहीं जानते थे, उस समय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविध्यालय बिहार की राजधानी पाटलिपुत्र वर्तमान में पटना में स्तिथ था.

बिहार वो राज्य है जो भारत के इतिहास में साहित्यिक, ऐतिहासिक, धार्मिक सभी स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। और आज भी बिहार शिक्षा, संस्कृति और समाजिक -दृष्टि से उतना ही समृद्ध है जितना पहले था। 99 हजार 200 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में विस्तृत बिहार उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड से घिरा हुआ है। 1912 में बंगाल के विभाजन के समय बिहार अस्तित्व में आया। सन 1935 में उड़ीसा और सन 2000 में झारखण्ड को बिहार से विभाजित कर दिया गया.

आधुनिक कल में बिहार

आधुनिक काल के इतिहास में सर्वप्रथम स्थान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का है और इस समय बिहार का योगदान अविस्मरणीय हैI स्वतंत्रता संग्राम में पुरे बिहार ने भिगदरी दी है लेकिन उसवक्त कुछ नाम प्रमुख रूप से रहे जिसमे लोकनायक जय प्रकाश नारायण ,डॉ राजेंद्र प्रसाद, कुँवर सिंह ,मौलाना मजहरुल हक़ , राजकुमार शुक्ल, डॉ. श्री कृष्ण सिंह ,डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह , डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा , अमर सिंह ,जगजीवन राम ,कर्पूरी ठाकुर ,रामधारी सिंह दिनकर ,फणीश्वरनाथ रेणु, जैसे महान पुरुषो का नाम अग्रणी हैI

स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक कल की अविस्मरणीय तिथियाँ

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुवात करने का गौरव बिहार को प्राप्त है ,इस  आंदोलन में पहला अंग्रेज विरोधी संघर्ष सन्यासियो के द्वारा बिहार के पूर्णिया में ई.1770-71 में हुआ जिसका नेतृत्व केना सरकार  और दिरजी नारायण ने कियाI

ई.1710-71
बिहार में सन्यासी विद्रोह , नोनिया आंदोलन

ई.1774
रेगुलेटिग ऐक्ट के अनुसार बिहार में प्रांतीय सभा का गठन

ई.1789-1817
विभिन्न कृषक विद्रोह

ई.1821
बिहार में वहाबी आंदोलन आरम्भ

ई.1857
पटना में पीर अली के नेतृत्व में जान संग्राम , दानापुर  और आरा में सैनिक विद्रोह , बाबू कुँवर सिंह का संघर्ष

ई.1858-60
बाबू कुँवर सिंह द्वारा अंग्रेजो पर विजय , सरदारी लड़ाई

ई.1865
बिहार में वहाबी आंदोलनकारी नेताओ की गिरफ्तारी

ई.1908
प्रफुल्ल चाकी और खुदी राम बोस मुजफ्फरपुर में बमकांड

ई.1912
बिहार प्रान्त का औपचारिक गठनपंडित नेहरू पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए

ई.1916
पटना उच्च न्यायालय की स्थापना हुई और मौलाना मजहरुल हक़ के नेतृत्व में होमरूल आंदोलन प्रारम्भ ,

ई.1917
पटना उच्च विश्वविदयालय की स्थापना हुई और चंपारण में नील मालिको के विरुद्ध गांधी जी का सत्याग्रह

ई.1919
बिहार में खिलाफत आंदोलन आरम्भ और स्वामी विद्या नन्द के नेतृत्व में किशानो का आंदोलन

ई.1920-21
बिहार में असहयोग आंदोलन आरम्भ औरमौलाना मजहरुल हक़ के द्वारा पटना में सदाकत आश्रम और बिहार विद्यापीठ की स्थापना

ई.1928
बिहार में साईमन कमीशन का आगमन और राष्ट्रवादियो द्वारा बहिष्कार

ई.1929-30
किसान सभा का गठन और बिहार में नमक सत्याग्रह आरम्भ

ई.1934
 अप्रैल को पटना में गांधी जी के द्वारा निजी सत्याग्रह का आह्वान

ई.1937
इंडिपेंडेंट पार्ट के बिहार के मोहम्मद युनूस प्रथम प्रधानमंत्री बने और श्री कृष्ण सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस मंत्रिमंडल का गठन

ई.1940
बिहार में सुभाष चन्द्र बोस की फॉरवर्ड ब्लॉक की साखा का गठन

ई.1942-47
बिहार में आजाद दस्ता का गठन और हिन्दू - मुस्लिम दंगे

ई.1947
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात श्री कृष्ण के नेतृत्व में बिहार में प्रथम मंत्रिमंडल का गठन

ई.1959
बिहार में पंचायती राज प्रणाली की शुरुआत

ई.1962-80
इन 18 वर्षो के दौरान 15 नए जिले का गठन और बिहार में कुल जिलो की संख्या 31 हो गयी

ई.1974
पटना  में  जून को जयप्रकाश नरायण द्वारा सम्पूर्ण क्रांति की घोषणा

ई.1979
अक्टूबर  को पटना में लोकनायक जय प्रकाश जी का निधन

ई.1980-90
इस दौरान 11 जिले का गठन और बिहार में कुल जिलो की संख्या 42 हो गयी

ई.1990-2000
इस दौरान 14 और नए जिलो का गठन किया गया

ई.1997
राबड़ी देवी प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनी

ई.2000
15-16 नवम्बर ,2000 की रात्रि को बिहार का विभाजन हुआ और नया राज्य झारखण्ड बना

ई.2000-16-18
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और वर्तमान कर्यकाल



!! जय बिहार !! जय बिहार !!

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