By; बिहार न्यूज़ टीम
बिहार सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि राज्य में हर तरह की शराब बिक्री और इसके सेवन पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को लेकर पटना उच्च न्यायालय में लंबित सारे मामले शीर्ष अदालत में स्थानांतरित किए जाएं.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन से कहा कि इस संबंध में सही तरीके से स्थानांतरण याचिका दायर की जाए.
धवन ने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत ने सात अक्तूबर को राज्य में हर तरह की शराब की बिक्री और उसके सेवन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कानून निरस्त करने के पटना उच्च न्यायालय के निर्णय पर रोक लगा दी थी.
उन्होंने कहा कि इस समय इस मामले से संबंधित अनेक याचिकायें उच्च न्यायालय में लंबित हैं. उन्होंने इन सभी मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का आग्रह किया.
न्यायालय ने धवन से कहा कि राज्य सरकार स्थानांतरण याचिका दायर करके इस मामले का उसके समक्ष उल्लेख कर सकती है.
पीठ ने इससे पहले कुछ शराब निर्माताओं सहित उन सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए थे, जिनकी याचिका पर उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के शराब बंदी कानून को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था.
राज्य सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और इसके सेवन पर पाबंदी लगाने संबंधी अधिसूचना निरस्त करने के उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है.
उच्च न्यायालय से यह कानून निरस्त होने के बाद राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाने के लिये नया कानून लागू किया जिसे दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन अधिसूचित किया गया था.
बिहार ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था जिसने शराब बंदी की पांच अप्रैल की अधिसूचना निरस्त कर दी थी.
राज्य सरकार ने भारत में बनी विदेशी शराब सहित हर तरह की मदिरा की बिक्री और इसके सेवन तथा देसी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिये बिहार निषेध और आबकारी कानून, 2016 अधिसूचित किया था.
उच्च न्यायालय ने कठोर दंडात्मक प्रावधानों वाले इस कानून को चुनौती देने वाली शराब बिक्रेता एसोसिएशन तथा अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया था.
इसके तुरंत बाद, राज्य सरकार कठोर प्रावधानों के साथ शराब बंदी का नया कानून ले आई. इसमें यह प्रावधान भी है कि बिहार में यदि किसी भी घर से प्रतिबंधित शराब पकड़ी गयी तो उस घर के सभी वयस्कों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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