Wednesday, November 25, 2020

बिहार : बैंक कर्मचारी बना आग का गोला, तड़प-तड़प कर हुई मौत, 6 दिसंबर को होनी थी शादी

 

बेतिया | जिले के एसबीआई कृषि विकास शाखा में कार्यरत सहायक क्लर्क निश्चल भास्कर (26) बुधवार की दोपहर शिवपुरी स्थित किराये के मकान में बंद कमरे के अंदर ही आग का गोला बन गये। गंभीर रूप से झुलसने की वजह से तड़प-तड़प कर उन्होंने दम तोड़ दिया। वह मूलरूप से नालंदा जिला के हरनौत थाना क्षेत्र स्थित पोआरी गांव के रहनेवाले थे। उनके पिता रजनीश पाठक लंबे समय से अपने परिवार के साथ पटना के न्यू कृष्णापुरी कॉलोनी बेऊर जेल के समीप रहते हैं। 

संदिग्ध स्थिति में जलने से हुई मौत को लेकर हत्या और आत्महत्या के बीच गुत्थी उलझ गई है, जबकि कालीबाग ओपी प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पेट्रोल छिड़क कर बैंककर्मी द्वारा आत्महत्या करने की बात सामने आयी है। उनके कमरे से पेट्रोल का गैलन मिला है। उसमें कुछ ही मात्रा में पेट्रोल बचा था, जिसे जब्त कर लिया गया है।

फर्श पर मिला बैंककर्मी का शव

बताया गया है कि निश्चल शिवपुरी में एक किराये के मकान में निचले तल्ले पर रहते थे। उसमें दो ही कमरे थे। एक में निश्चल भास्कर तथा दूसरे में उनके सहकर्मी सनत कुमार रहते थे। बुधवार की सुबह सनत बैंक जाने के लिए निकले तो निश्चल ने कहा मेरी तबीयत ठीक नहीं है। आज मैं बैंक नहीं आऊंगा। सनत बैंक चले गए। लगभग 11 बजे के करीब मकान के ऊपरी तल्ले में रह रहे मकान मालिक के परिजनों को नीचे से शीशा फूटने और  कराहने की आवाज सुनाई दी। लोग दौड़कर नीचे आए तो देखा कि मुख्य दरवाजा बंद है और कमरे धुंआ निकल रहा है। घर में उस वक्त सिर्फ महिलाएं व बच्चे ही थे। उनके चिल्लाने पर पड़ोस के लोग वहां पहुंचे। दरवाजे को तोड़ा गया, तब लोगों ने देखा कि निश्चल भास्कर जली अवस्था में अचेत पड़े हुए थे। पुलिस की मानें तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। घटना के बाद जब कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो बैंककर्मी का शव कमरे के अंदर फर्श पर पड़ा मिला। पास में ही पेट्रोल का गैलन पड़ा था, जिसमें कुछ ही पेट्रोल बचा था। 

छह दिसंबर को होने वाली थी शादी, मौत से मचा कोहराम

एसबीआई कृषि विकास शाखा में सहायक क्लर्क के पद पर वह पिछले चार साल से कार्यरत थे। छह दिसंबर को उनकी शादी तय थी लेकिन सात फेरे लेने से पहले वह इस दुनिया से चल बसे। उनके साथ अनहोनी हुई या फिर किसी कारण से उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया, अबतक स्पष्ट नहीं है। ग्राहकों की मानें तो निश्चल अपना काम तत्परता से करते थे और अच्छे से पेश आते थे। ऐसे में क्या कारण था कि निश्चल को आत्महत्या करनी पड़ी। वहीं, बैंककर्मी की मौत से उनके हरनौत तथा पटना के न्यू कृष्णापुरी आवास में मातम पसर गया है। घटना के बाद से ही परिजन बेतिया रवाना हो चुके थे।

बैंक की गाड़ी खड़ी रही, एम्बुलेंस के इंतजार में उखड़ गईं सांसें

बताया गया है कि जब दरवाजा तोड़ा गया तो निश्चल भास्कर की सांसें चल रही थीं। मौके पर बैंक अधिकारी व पुलिस भी थी। उनके वाहन वहां थे, लेकिन किसी ने कराह रहे बैंककर्मी को छुआ तक नहीं। मकान मालकिन कहती रहीं कि इन्हें अस्पताल ले जाइये। आपको ग्लब्स चाहिए तो मैं दे रही हूं, लेकिन अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। एम्बुलेंस आने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया। एम्बुलेंस आने के बाद जब निश्चल को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया तो वहां  चिकित्सक डॉ. शिव शंकर शर्मा ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना था कि यदि समय रहते बैंककर्मी को अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी।

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Wednesday, November 25, 2020

बिहार : बैंक कर्मचारी बना आग का गोला, तड़प-तड़प कर हुई मौत, 6 दिसंबर को होनी थी शादी

 

बेतिया | जिले के एसबीआई कृषि विकास शाखा में कार्यरत सहायक क्लर्क निश्चल भास्कर (26) बुधवार की दोपहर शिवपुरी स्थित किराये के मकान में बंद कमरे के अंदर ही आग का गोला बन गये। गंभीर रूप से झुलसने की वजह से तड़प-तड़प कर उन्होंने दम तोड़ दिया। वह मूलरूप से नालंदा जिला के हरनौत थाना क्षेत्र स्थित पोआरी गांव के रहनेवाले थे। उनके पिता रजनीश पाठक लंबे समय से अपने परिवार के साथ पटना के न्यू कृष्णापुरी कॉलोनी बेऊर जेल के समीप रहते हैं। 

संदिग्ध स्थिति में जलने से हुई मौत को लेकर हत्या और आत्महत्या के बीच गुत्थी उलझ गई है, जबकि कालीबाग ओपी प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पेट्रोल छिड़क कर बैंककर्मी द्वारा आत्महत्या करने की बात सामने आयी है। उनके कमरे से पेट्रोल का गैलन मिला है। उसमें कुछ ही मात्रा में पेट्रोल बचा था, जिसे जब्त कर लिया गया है।

फर्श पर मिला बैंककर्मी का शव

बताया गया है कि निश्चल शिवपुरी में एक किराये के मकान में निचले तल्ले पर रहते थे। उसमें दो ही कमरे थे। एक में निश्चल भास्कर तथा दूसरे में उनके सहकर्मी सनत कुमार रहते थे। बुधवार की सुबह सनत बैंक जाने के लिए निकले तो निश्चल ने कहा मेरी तबीयत ठीक नहीं है। आज मैं बैंक नहीं आऊंगा। सनत बैंक चले गए। लगभग 11 बजे के करीब मकान के ऊपरी तल्ले में रह रहे मकान मालिक के परिजनों को नीचे से शीशा फूटने और  कराहने की आवाज सुनाई दी। लोग दौड़कर नीचे आए तो देखा कि मुख्य दरवाजा बंद है और कमरे धुंआ निकल रहा है। घर में उस वक्त सिर्फ महिलाएं व बच्चे ही थे। उनके चिल्लाने पर पड़ोस के लोग वहां पहुंचे। दरवाजे को तोड़ा गया, तब लोगों ने देखा कि निश्चल भास्कर जली अवस्था में अचेत पड़े हुए थे। पुलिस की मानें तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। घटना के बाद जब कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो बैंककर्मी का शव कमरे के अंदर फर्श पर पड़ा मिला। पास में ही पेट्रोल का गैलन पड़ा था, जिसमें कुछ ही पेट्रोल बचा था। 

छह दिसंबर को होने वाली थी शादी, मौत से मचा कोहराम

एसबीआई कृषि विकास शाखा में सहायक क्लर्क के पद पर वह पिछले चार साल से कार्यरत थे। छह दिसंबर को उनकी शादी तय थी लेकिन सात फेरे लेने से पहले वह इस दुनिया से चल बसे। उनके साथ अनहोनी हुई या फिर किसी कारण से उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया, अबतक स्पष्ट नहीं है। ग्राहकों की मानें तो निश्चल अपना काम तत्परता से करते थे और अच्छे से पेश आते थे। ऐसे में क्या कारण था कि निश्चल को आत्महत्या करनी पड़ी। वहीं, बैंककर्मी की मौत से उनके हरनौत तथा पटना के न्यू कृष्णापुरी आवास में मातम पसर गया है। घटना के बाद से ही परिजन बेतिया रवाना हो चुके थे।

बैंक की गाड़ी खड़ी रही, एम्बुलेंस के इंतजार में उखड़ गईं सांसें

बताया गया है कि जब दरवाजा तोड़ा गया तो निश्चल भास्कर की सांसें चल रही थीं। मौके पर बैंक अधिकारी व पुलिस भी थी। उनके वाहन वहां थे, लेकिन किसी ने कराह रहे बैंककर्मी को छुआ तक नहीं। मकान मालकिन कहती रहीं कि इन्हें अस्पताल ले जाइये। आपको ग्लब्स चाहिए तो मैं दे रही हूं, लेकिन अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। एम्बुलेंस आने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया। एम्बुलेंस आने के बाद जब निश्चल को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया तो वहां  चिकित्सक डॉ. शिव शंकर शर्मा ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना था कि यदि समय रहते बैंककर्मी को अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी।

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