Tuesday, July 17, 2018

पंचों ने अंतरजातीय शादी करने वाले जोड़े को किया अलग, 70 हजार का जुर्माना भी लिया


By: बिहार न्यूज़ टीम 


बांका : अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सूबे की सरकार प्रोत्साहन योजना चला रही है। सुप्रीम कोर्ट भी प्रेम विवाह करने वालों की सुरक्षा के लिए आदेश जारी कर चुका है लेकिन स्वयंभू पंचों को इसकी जरा भी परवाह नहीं है। 1सोमवार को बांका जिले के केडिया गांव में पंचों का फैसला नवविवाहित जोड़े पर कहर बनकर टूटा। गांव में हुई पंचयती के बाद इस जोड़े को अलग हो जाने फैसला सुनाया गया है। 

इतना ही नहीं वर पक्ष पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया गया। हद यह कि जुर्माना की रकम में से 50 हजार कन्या पक्ष को अदा की गई, जबकि शेष 20 हजार रुपये पंचों ने पंचायती खर्च के रूप में आपस में बांट लिया। प्रेमी युगल रवीना और दीपक ने हफ्ता भर पहले ही केडिया शिव मंदिर में शादी रचाई थी। शादी की खबर से ही समाज में बवाल मच गया था। बवाल का बड़ा कारण दोनों की अलग-अलग जाति से होना था। शादी के दूसरे दिन ही कुछ ग्रामीण पंच और वर-वधू पक्ष के परिजन के बीच बैठक हुई। 

इसके बाद पंचों ने प्रेमी-प्रेमिका को अलग करने का फरमान सुनाते हुए कीमत भी तय कर दी। पंचों ने प्रेमी-प्रेमिका को डरा धमका कर सादे पेपर पर हस्ताक्षर करा लिया। हालांकि रवीना के पिता मुनेश्वर दास ने बताया कि पंचों के दबाव के चलते ऐसा करना पड़ा। वह अपनी बेटी के फैसले को स्वीकार कर उसे विदा करने के लिए तैयार था जबकि दीपक के पिता लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता मौन साधे हैं। इधर रवीना और दीपक पंचायत के फैसले को नहीं मानने की बात कह रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने स्वेच्छा से अंतरजातीय विवाह करने वाले वयस्कों के मामले में खाप पंचायत जैसे समूहों के दखल को पूरी तरह अवैध करार दिया है। इस तरह के हस्तक्षेप को रोकने के लिए कोर्ट ने दिशा-निर्देश भी जारी किया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि जब दो व्यस्क आपसी सहमति से शादी करते हैं तो उसे रद करने का अधिकार सिर्फ अदालत के पास है। खाप या अन्य पंचायत शादी को रद नहीं कर सकते और न ही किसी भी प्रकार की हिंसा का इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रेमी युगल को प्रशासन देगा सुरक्षा1सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार के विशेष सचिव ने डीएम और पुलिस के वरीय अधिकारी को निर्देश जारी किया है। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि अंतरजातीय विवाह के कारण अगर विवाहित जोड़ा एवं उसके परिवार वालों को परेशान किया जाता है तो उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए जिले में कोषांग गठित किए जाने का निर्देश दिया गया है। इससे जुड़े मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। पीड़ितों को मदद करने में अगर पुलिस पदाधिकारी और प्रशासनिक पदाधिकारी नियम का पालन नहीं करते तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस का ब्यान 

खेसर के केडिया गांव का है मामला, मंदिर में की थी शादीशादी के बाद प्रेमी युगल ’ जागरणमामले की जांच कराता हूं। इस प्रकार के गैरकानूनी फरमान और जुर्माना करने वाले पंचों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही प्रेमी जोड़े को तय सरकारी सहायता और सुरक्षा दिलाई जाएगी।

एसके दास, डीएसपी, बांका

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Tuesday, July 17, 2018

पंचों ने अंतरजातीय शादी करने वाले जोड़े को किया अलग, 70 हजार का जुर्माना भी लिया


By: बिहार न्यूज़ टीम 


बांका : अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सूबे की सरकार प्रोत्साहन योजना चला रही है। सुप्रीम कोर्ट भी प्रेम विवाह करने वालों की सुरक्षा के लिए आदेश जारी कर चुका है लेकिन स्वयंभू पंचों को इसकी जरा भी परवाह नहीं है। 1सोमवार को बांका जिले के केडिया गांव में पंचों का फैसला नवविवाहित जोड़े पर कहर बनकर टूटा। गांव में हुई पंचयती के बाद इस जोड़े को अलग हो जाने फैसला सुनाया गया है। 

इतना ही नहीं वर पक्ष पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया गया। हद यह कि जुर्माना की रकम में से 50 हजार कन्या पक्ष को अदा की गई, जबकि शेष 20 हजार रुपये पंचों ने पंचायती खर्च के रूप में आपस में बांट लिया। प्रेमी युगल रवीना और दीपक ने हफ्ता भर पहले ही केडिया शिव मंदिर में शादी रचाई थी। शादी की खबर से ही समाज में बवाल मच गया था। बवाल का बड़ा कारण दोनों की अलग-अलग जाति से होना था। शादी के दूसरे दिन ही कुछ ग्रामीण पंच और वर-वधू पक्ष के परिजन के बीच बैठक हुई। 

इसके बाद पंचों ने प्रेमी-प्रेमिका को अलग करने का फरमान सुनाते हुए कीमत भी तय कर दी। पंचों ने प्रेमी-प्रेमिका को डरा धमका कर सादे पेपर पर हस्ताक्षर करा लिया। हालांकि रवीना के पिता मुनेश्वर दास ने बताया कि पंचों के दबाव के चलते ऐसा करना पड़ा। वह अपनी बेटी के फैसले को स्वीकार कर उसे विदा करने के लिए तैयार था जबकि दीपक के पिता लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता मौन साधे हैं। इधर रवीना और दीपक पंचायत के फैसले को नहीं मानने की बात कह रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने स्वेच्छा से अंतरजातीय विवाह करने वाले वयस्कों के मामले में खाप पंचायत जैसे समूहों के दखल को पूरी तरह अवैध करार दिया है। इस तरह के हस्तक्षेप को रोकने के लिए कोर्ट ने दिशा-निर्देश भी जारी किया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि जब दो व्यस्क आपसी सहमति से शादी करते हैं तो उसे रद करने का अधिकार सिर्फ अदालत के पास है। खाप या अन्य पंचायत शादी को रद नहीं कर सकते और न ही किसी भी प्रकार की हिंसा का इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रेमी युगल को प्रशासन देगा सुरक्षा1सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार के विशेष सचिव ने डीएम और पुलिस के वरीय अधिकारी को निर्देश जारी किया है। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि अंतरजातीय विवाह के कारण अगर विवाहित जोड़ा एवं उसके परिवार वालों को परेशान किया जाता है तो उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए जिले में कोषांग गठित किए जाने का निर्देश दिया गया है। इससे जुड़े मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। पीड़ितों को मदद करने में अगर पुलिस पदाधिकारी और प्रशासनिक पदाधिकारी नियम का पालन नहीं करते तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस का ब्यान 

खेसर के केडिया गांव का है मामला, मंदिर में की थी शादीशादी के बाद प्रेमी युगल ’ जागरणमामले की जांच कराता हूं। इस प्रकार के गैरकानूनी फरमान और जुर्माना करने वाले पंचों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही प्रेमी जोड़े को तय सरकारी सहायता और सुरक्षा दिलाई जाएगी।

एसके दास, डीएसपी, बांका

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