Saturday, September 1, 2018

अब बोधगया के बौद्ध मठ में 15 बाल लामाओं का यौन शोषण, आरोपी को भेजा गया जेल


: बिहार न्यूज़ टीम 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब गया जिले में बुद्ध भगवान की नगरी से एक और शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है.

गया | बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था के संचालक बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय की कोर्ट में पेशी के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया। भंते के खिलाफ बोधगया थाने में असम के अरुण विकास चकमा के बयान पर आईपीसी की धारा 341, 323, 377, 504, 506 व 4, 6, 8, 10, 12 पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी हुई है। पुलिस प्रजना ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर की जांच शुरू कर दी है। उधर,इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था। उन्हें जबरन वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड डांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से लाया जाता था। ज्यादातर बच्चे इनमें त्रिपुरा और असम से होते थे। यही नहीं, कुछ बाल भिक्षुओं को यहां से कोलकाता और अन्य जगहों पर अलग -अलग क्लाइंट्स के पास भेजा जाता था।

पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल कुमार ने बताया कि गुरुवार को स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किये जाने के बाद गिरफ्तार भंते, जो कि एक बंगलादेशी नागरिक है, को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में गया केंद्रीय कारा भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्चों की मेडिकल जांच किए जाने के साथ न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष उनका बयान रिकॉर्ड किए जाने के बाद उन्हें अपने परिजनों के साथ घर जाने की इजाजत दे दी गयी है.

इस बीच अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिषद (आईबीसी) ने इस मामले पर विचार के लिए आज बोधगया में एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी जिसमें धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ इस तरह के घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सच्चाई को सामने लाने में जांच दल को सभी तरह का सहयोग करने का संकल्प लिया गया.

परिषद के सदस्यों ने बोध गया स्थित प्रत्येक मठ की गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया और कहा कि कुकृत्य में शामिल पाए गए लोगों को आईबीसी सदस्यता से वंचित कर दिया जाना चाहिए. आईबीसी सचिव प्रज्ञा भंते ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि बोध गया में 160 से अधिक बौद्ध मठ हैं जिनमें से केवल 55 ही परिषद के साथ या बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के साथ पंजीकृत हैं.

आईबीसी सचिव ने कहा कि जिला प्रशासन को शेष मठों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनका पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए. बोधगया के मस्तीपुर गांव में प्रसन्ना जयोति बुद्धिस्ट स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पिछले एक साल से उपरोक्त बच्चों को बौद्ध धर्म को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा था. इन बच्चों के परिजन की शिकायत पर यह मामला प्रकाश में आया.

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Saturday, September 1, 2018

अब बोधगया के बौद्ध मठ में 15 बाल लामाओं का यौन शोषण, आरोपी को भेजा गया जेल


: बिहार न्यूज़ टीम 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब गया जिले में बुद्ध भगवान की नगरी से एक और शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है.

गया | बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था के संचालक बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय की कोर्ट में पेशी के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया। भंते के खिलाफ बोधगया थाने में असम के अरुण विकास चकमा के बयान पर आईपीसी की धारा 341, 323, 377, 504, 506 व 4, 6, 8, 10, 12 पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी हुई है। पुलिस प्रजना ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर की जांच शुरू कर दी है। उधर,इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था। उन्हें जबरन वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड डांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से लाया जाता था। ज्यादातर बच्चे इनमें त्रिपुरा और असम से होते थे। यही नहीं, कुछ बाल भिक्षुओं को यहां से कोलकाता और अन्य जगहों पर अलग -अलग क्लाइंट्स के पास भेजा जाता था।

पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल कुमार ने बताया कि गुरुवार को स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किये जाने के बाद गिरफ्तार भंते, जो कि एक बंगलादेशी नागरिक है, को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में गया केंद्रीय कारा भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्चों की मेडिकल जांच किए जाने के साथ न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष उनका बयान रिकॉर्ड किए जाने के बाद उन्हें अपने परिजनों के साथ घर जाने की इजाजत दे दी गयी है.

इस बीच अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिषद (आईबीसी) ने इस मामले पर विचार के लिए आज बोधगया में एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी जिसमें धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ इस तरह के घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सच्चाई को सामने लाने में जांच दल को सभी तरह का सहयोग करने का संकल्प लिया गया.

परिषद के सदस्यों ने बोध गया स्थित प्रत्येक मठ की गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया और कहा कि कुकृत्य में शामिल पाए गए लोगों को आईबीसी सदस्यता से वंचित कर दिया जाना चाहिए. आईबीसी सचिव प्रज्ञा भंते ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि बोध गया में 160 से अधिक बौद्ध मठ हैं जिनमें से केवल 55 ही परिषद के साथ या बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के साथ पंजीकृत हैं.

आईबीसी सचिव ने कहा कि जिला प्रशासन को शेष मठों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनका पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए. बोधगया के मस्तीपुर गांव में प्रसन्ना जयोति बुद्धिस्ट स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पिछले एक साल से उपरोक्त बच्चों को बौद्ध धर्म को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा था. इन बच्चों के परिजन की शिकायत पर यह मामला प्रकाश में आया.

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