: बिहार न्यूज़ टीम
कांग्रेस नेता ने आभूषण कारोबारी को दिया 80 लाख का चेक, बाउंस होने पर बैक डेट में कराया गुम होने का सनहा
पटना| प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने आभूषण कारोबारी धीरज कुमार का करीब 80 लाख रुपए हड़पने के लिए ऐसी साजिश रची कि पुलिस की भी नींद उड़ गई। उसने एसकेपुरी स्थित एसएस नवरत्न ज्वेलर्स के मालिक धीरज को जो चेक दिया, वह बाउंस हो गया था। दुकानदार ने उसपर एसकेपुरी थाने में केस दर्ज करा दिया। केस होने की भनक लगते ही लोदीपुर इलाके में रहने वाले ललन ने पुलिस की गिरफ्तारी और कोर्ट से वारंट जारी होने की आशंका देख कोतवाली थाने में वहां के दारोगा बिक्रमादित्य झा और सिपाही मनोज कुमार की मिलीभगत से बैक डेट में स्टेशन डायरी दर्ज करा दी कि उसका एक चेक गुम हो गया है। स्टेशन डायरी में एसबीआई का वही चेक नंबर है, जो उसने दुकानदार को दिया था।
इसका खुलासा तब हुआ जब ललन ने कोतवाली थाने से ही उस चेक की स्टेशन डायरी के बाबत आरटीआई के तहत कोतवाली थाने से जानकारी मांगी ताकि इसे कोर्ट में पेश करने के बाद उसपर कोई कार्रवाई न हो। जब कोतवाली थानेदार ने मामले की जांच की तो पाया कि स्टेशन डायरी फर्जी तरीके से बैक डेट में हुई। इसमें हेराफेरी की गई है। पूरी जांच पड़ताल के बाद कोतवाली थानेदार रामशंकर ने दारोगा बिक्रमादित्य, सिपाही और ललन पर केस दर्ज कर दिया। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने में जुटी है। ललन फरार बताया जाता है। राजधानी में यह इस तरह का पहला मामला है। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सिटी एसपी सेंट्रल मामले की जांच कर रहे हैं। डीआईजी राजेश कुमार भी भी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें दारोगा व सिपाही के साथ कई पर कार्रवाई तय है।
जेवर लिया इसी साल, चेक का सनहा कराया तीन साल पहले का : एसकेपुरी थानेदार अरविंद कुमार ने बताया कि दुकानदार के बयान पर थाने में ललन के खिलाफ चेक बाउंस होने का केस दर्ज किया गया है। दुकानदार ने लिखित दिया था कि ललन ने उससे इसी साल 7 मार्च को करीब 80 लाख का जेवर लिया और इसके बदले में उसने चेक दिया। दुकानदार ने इस चेक को 30 अप्रैल को अपने खाते में डाला तो वह बाउंस कर गया। बाद में उसने 4 जून को एसकेपुरी थाने में केस दर्ज करा दिया। एसकेपुरी थानेदार के मुताबिक पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है। इसमें वरीय अधिकारियों का सुपरविजन नहीं हुअा है।
साजिश का खुलासा स्टेशन डायरी की राइटिंग अलग, आवेदन भी नहीं मिला
थानेदार रामशंकर ने 18 फरवरी 2015 को दर्ज स्टेशन डायरी के आधार पर पड़ताल की तो पता चला कि उस दिन की जो स्टेशन डायरी दूसरे की गई थी, उसमें और ललन की स्टेशन डायरी की राइटिंग में फर्क है। ललन द्वारा दिए गए सनहा का अावेदन मनोज और बिक्रमादित्य से मांगा गया तो वह भी नहीं था। उसके बाद थानेदार ने खुद के बयान पर ललन, बिक्रमादित्य और मनोज पर केस दर्ज करा दिया।
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