By: Bihar News Team
गिरोह का मुख्य काम माप-तौल का धंधा है। ये फोन कर लकी कूपन में नाम आने का झांसा दे लोगों से पैसे ऐंठते हैं।
पटना | बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचएल) में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्जीय गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार सभी आरोपित नांलदा के अस्थावां के रहने वाले हैं। परमवीर रंजन (21) और उदय शंकर (31) नौआवां व मुन्ना कुमार ( 31) और सुजीत कुमार (25) रामचुल्हारी के रहने वाले हैं। .
आरोपितों के पास से 13 मोबाइल और कई बैंकों के पासबुक मिले हैं। इसमें एक्सिस बैंक, ग्रामीण बैंक, केसीसी बैंक, एसबीआई सहित कई बैंकों का पासबुक बरामद हुआ है। पुलिस को डायरी भी मिली है। इसमें 16 लाख, 49 हजार, 332 रुपये का लेखा-जोखा प्राप्त हुआ। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सुमित सिंह को पटना जंक्शन से गिरफ्तार करने के बाद अन्य को अस्थावां से पकड़ा गया। .
31 जुलाई को हुई थी प्राथमिकी : बीएसपीएचएल के विशेष कार्य पदाधिकारी राकेश रंजन ने 31 जुलाई को कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया गया था कि कंपनी की ओर से कनीय लेखा लिपिक और लेखापाल के लिए परीक्षा हुई थी। इसका रिजल्ट आने के बाद फेल छात्रों को भी पास कराकर नौकरी देने से संबंधित कॉल लगातार किये जा रहे थे।
पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड सुबोध कुुमार है जो फरार है। बिजली कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर उसने फर्जीवाड़ा किया। उसका गिरोह परीक्षा के बाद सक्रिय हो जाता है। उसके बाद फेल को पास करना का उसका धंधा शुरू हो जाता है।
बिहार में कई परीक्षाओं का डाटा लीक कर फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का धंधा किया जा रहा था। गिरोह के लोग फेल को पास कराने और नौकरी दिलाने का काम करते हैं। नालंदा के अस्थावां, कतरीसराय, बिहारशरीफ से सटे आसपास के गांव के कुछ बदमाश इस काम में लगे हैं। एसएसपी मनु महाराज ने इसका खुलासा किया है। धंधे में कई गिरोह लगे हैं। सभी नालंदा से जुड़े हैं। .
गिरोह के लोग बिहार में होनेवाली किसी भी परीक्षा का डाटा लीक कर परीक्षार्थियों से पैसे ठगते हैं। इसका ताजा उदाहरण बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के कनीय लेखा लिपिक और लेखापाल के लिए परीक्षा में डाटा लीक का है। यहां का डाटा लीक कर छात्रों से लाखों की ठगी की गयी।
बिहार बोर्ड के डाटा लिक में था इसी गिरोह का हाथ:
मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में फेल को पास कराने के मामले में कोतवाली थाने में इसके पहले भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। इसमें कई लोगों को पकड़ा गया था। मैट्रिक और इंटर परीक्षा के रिजल्ट आने के कुछ दिन पहले लड़कों के पास फोन आने शुरू हो जाते थे। छात्रों को रौल नंबर से लेकर पूरी डिटेल बतायी जाती थी। उन्हें नंबर बढ़ाने या पास करने के लिए खाते में पैसे डालने को कहा जाता था।
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