Saturday, August 25, 2018

हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक लगाई


: बिहार न्यूज़ टीम 

पटना | मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन और प्रसारण पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। गुरुवार को कोर्ट ने, अद्यतन जांच रिपोर्ट नहीं देने पर सीबीआई को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है। ऐसे में जांच के बीच में ही जांच अधिकारी (एसपी) का तबादला कैसे हो गया? सीबीआई इस बारे में पूरी स्थिति स्पष्ट करे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह तथा न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन की खंडपीठ ने इस मामले की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन व प्रसारण पर रोक लगाते हुए सीबीआई से कहा कि वह इस मामले की अद्यतन रिपोर्ट, सीलबंद लिफाफे में 27 अगस्त को पेश करे। 

इस मामले की मॉनीटरिंग के दौरान खंडपीठ ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सीबीआई जांच से संबंधित तथ्यों की जानकारी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कैसे हो जाती है? मीडिया रिपोर्ट के कारण जांच प्रभावित हो सकती है। कोर्ट ने जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन व प्रसारण को रोकने का आदेश दिया। 

अदालत ने सीबीआई को लगाई फटकार, पूछा-जांच के दौरान कैसे हो गया एसपी का तबादला? जांच एजेंसी को निर्देश - 27 अगस्त को सीलबंद लिफाफे में अद्यतन रिपोर्ट अदालत में पेश करें

-राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है| कोर्ट का कहना था कि यह अत्यंत ही गंभीर मामला है। राज्य सरकार ने तुरंत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। हम मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सीबीआई को हर तारीख पर जांच की प्रगति का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में देना है। इस मामले की अगली सुनवाई 27अगस्त को होगी। 

महाधिवक्ता ने कोर्ट का आदेश सरकार को बताया 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन व प्रसारण पर रोक संबंधी पटना हाईकोर्ट के आदेश को, महाधिवक्ता ललित किशोर ने फौरन राज्य सरकार को बताया। उन्होंने इस बारे में मुख्य सचिव, गृह सचिव और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र (पत्रांक 7773, दिनांक 23 अगस्त 2018) भेजा। इसमें कोर्ट के इस आदेश का विवरण है। इसके हवाले समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने भी पत्र (पत्रांक 10/कोर्ट 32/2018) जारी किया। 

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Saturday, August 25, 2018

हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक लगाई


: बिहार न्यूज़ टीम 

पटना | मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन और प्रसारण पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। गुरुवार को कोर्ट ने, अद्यतन जांच रिपोर्ट नहीं देने पर सीबीआई को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है। ऐसे में जांच के बीच में ही जांच अधिकारी (एसपी) का तबादला कैसे हो गया? सीबीआई इस बारे में पूरी स्थिति स्पष्ट करे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह तथा न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन की खंडपीठ ने इस मामले की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन व प्रसारण पर रोक लगाते हुए सीबीआई से कहा कि वह इस मामले की अद्यतन रिपोर्ट, सीलबंद लिफाफे में 27 अगस्त को पेश करे। 

इस मामले की मॉनीटरिंग के दौरान खंडपीठ ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सीबीआई जांच से संबंधित तथ्यों की जानकारी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कैसे हो जाती है? मीडिया रिपोर्ट के कारण जांच प्रभावित हो सकती है। कोर्ट ने जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन व प्रसारण को रोकने का आदेश दिया। 

अदालत ने सीबीआई को लगाई फटकार, पूछा-जांच के दौरान कैसे हो गया एसपी का तबादला? जांच एजेंसी को निर्देश - 27 अगस्त को सीलबंद लिफाफे में अद्यतन रिपोर्ट अदालत में पेश करें

-राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है| कोर्ट का कहना था कि यह अत्यंत ही गंभीर मामला है। राज्य सरकार ने तुरंत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। हम मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सीबीआई को हर तारीख पर जांच की प्रगति का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में देना है। इस मामले की अगली सुनवाई 27अगस्त को होगी। 

महाधिवक्ता ने कोर्ट का आदेश सरकार को बताया 

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच से जुड़े तथ्यों के प्रकाशन व प्रसारण पर रोक संबंधी पटना हाईकोर्ट के आदेश को, महाधिवक्ता ललित किशोर ने फौरन राज्य सरकार को बताया। उन्होंने इस बारे में मुख्य सचिव, गृह सचिव और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को पत्र (पत्रांक 7773, दिनांक 23 अगस्त 2018) भेजा। इसमें कोर्ट के इस आदेश का विवरण है। इसके हवाले समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने भी पत्र (पत्रांक 10/कोर्ट 32/2018) जारी किया। 

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