: बिहार न्यूज़ टीम
पुलिस के पास सैकड़ों केस पेंडिंग, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज चारों जिलों के हालात एक जैसे
पूर्णिया | प्रमंडल के पुलिसकर्मियों पर मामले का पॉकेट डिस्पोजल कराना महंगा पड़ा है। डीआईजी सौरव कुमार ने ऐसे चार दारोगा को सस्पेंड कर दिया है। जबकि एक को दस दिनों की मोहलत दी है। वहीं सात दारोगा पर विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही अररिया जिले के चार थानाध्यक्षों के द्वारा केस डिस्पोजल करने में देरी को लेकर निंदन की सजा दी गयी है। हैरानी की बात है कि किसी भी केस का पॉकेट डिस्पोजल करने में पूर्णिया की पुलिस अन्य तीनों जिले में नंबर वन है। यहां की पुलिस के पास 230 केस पेंडिंग है। जिसका समय पर डिस्पोजल नहीं किया गया है। इसमें पूर्णिया, कटिहार, अररिया जिले का मामला सबसे अधिक है।
दरअसल थाना स्तर पर होने वाले केस के डिस्पोजल कराने में बरती जा रही लापरवाही की जांच के लिए डीआईजी सौरव कुमार ने सर्किल इंस्पेक्टर से रिपोर्ट की मांग की थी। इस रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि अधिकांश जिलों में आईओ केस डिस्पोजल किए बिना ही दूसरे जिले चले गए। यहीं नहीं उन्होंने उस केस से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी तक थाने को उपलब्ध नहीं करायी। सारे मामले वो अपनी जेब में लेकर दूसरे जिले चले गए। ऐसे पुलिसकर्मी व आईओ की पहचान के बाद सोमवार को डीआईजी सौरव कुमार ने सर्किल इंस्पेक्टर और थानाध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज के पुलिस अधिकारी थे। डीआईजी ने सारे अधिकारियों की जमकर क्लास लगायी। साथ ही निर्देश दिया कि अगर ससमय केस का डिस्पोजल नहीं होता है। तो फिर ऐसे आईओ पर सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया अपनायी जाएगी। .
अधिकारियों की वजह से केस के अनुसंधान में देरी आती है। उन्होंने कहा कि इन पदाधिकारियों ने केस डायरी न्यायालय में जमा नहीं की है। इससे लगातार केस पेडिंग होती जा रही है। वहीं पुलिसकर्मी तबादला के साथ ही वो सारी फाइल लेकर अपने साथ चले गए हैं। उन्होंने बताया कि हर महीने इस तरह की जांच की जाएगी। ताकि किसी भी थाने की पुलिस अपनी जेब में केस की फाइल लेकर न चले जाए।
41 केस की डायरी अपने साथ ले गए अधिकारी
केनगर थाना के एसआई रामशंकर के पास केस की नौ केस की फाइल, एसआई कमलापति के पास दस केस की फाइल है। सदर थाने के एएसआई कमलेश्वरी मंडल के पास आठ केस की फाइल, अरविंद कुमार के पास दस केस की फाइल है। इन चारों को सस्पेंड कर दिया गया है। केहाट थाने के एसआई हरिंद्र चौबे के पास 10 केस की फाइल। एसआई हरिंद्र चौबे को दस दिनों का समय दिया गया है। इस अवधि में जमा नहीं किए तो फिर निलंबित कर दिया जाएगा। बनमनखी थाना के उमाकांत राय के पास 33 केस की फाइल, जानकीनगर के मधुसूदन एएसआई के पास 41 केस की डायरी पेंडिंग है। इन दोनों के ऊपर विभागीय कार्रवाई का आदेश डीआईजी ने दिया है। बताते चलें कि इस क्षेत्र में पॉकेट डिस्पोजल ज्यादा हो रहा है
क्या होता है पॉकेट डिस्पोजल
किसी भी केस के होने पर आईओ को उसके सारे डॉक्यूमेंट और केस डायरी न्यायालय के सामने पेश करना होता है। मगर कई आईओ केस डिस्पोजल तक दूर उसकी सारी कॉपी अपने साथ लेकर चले जाते हैं। जिसके कारण जिले में केस डिस्पोजल में काफी देरी होती है। और न्यायालय का समय भी बर्बाद होता है। .
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