: बिहार न्यूज़ टीम
कर्ज दिलाने के नाम पर रची साजिश, 99 करोड़ की निकासी सुन पुलिस के भी उड़े होश
खगडिय़ा। बैंक से ऋण दिलाने के नाम पर जालसाजों ने गहरी साजिश रची। जालसाज डिजिटल इंडिया कंपनी से एक लाख रुपये लोन दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से पासबुक, आधार कार्ड, एटीएम व मोबाइल सिम लेते थे। इसके बाद उनके खाते पर अवैध ट्रांजेक्शन का खेल होता था। इन जालसाजों ने खगडि़या के 17 लोगों को अपना शिकार बनाया।
धोखाधड़ी के शिकार लोगों ने 23 सितंबर को जब खगडिय़ा एसपी मीनू कुमारी से मुलाकात कर इसकी जानकारी दी। जब उन्होंने एक पीडि़त के खाते से 99 करोड़ के ट्रांजेक्शन की जानकारी दी तो पुलिस भी सन्न रह गई। एसपी के आदेश पर इस मामले की जांच का जिम्मा सदर एसडीपीओ आलोक रंजन और सदर इंस्पेक्टर बासुकीनाथ झा को सौंपा गया। पुलिस अनुसंधान में कई तथ्यों का खुलासा हुआ। एटीएम फ्रॉड के तार खगडिय़ा, बेगूसराय, कतरीसराय(नालंदा) समेत यूपी तक से जुड़े होने की बात कही जा रही है। इस मामले में गंगौर ओपी के रहिमा गांव की इंदु देवी और अलौली थाना के शुंभा गांव निवासी अशोक शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
बलराम के खाते से हुआ 99 करोड़ का ट्रांजेक्शन
रहिमा के बलराम साह और उनकी पत्नी गुडिय़ा देवी का ज्वाइंट एकाउंट है। उनका खाता स्टेट बैंक की जलकौड़ा शाखा में है। वे जम्मू में मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। बलराम ने जब बैंक से अपना मिनी स्टेटमेंट निकाला तो उसके होश उड़ गए। उसने खगडिय़ा पुलिस को बताया कि उसके खाते से 99 करोड़ का ट्रांजेक्शन हो चुका है। खगडिय़ा पुलिस यह सुनकर सन्न रह गई।
बाद में पता चला कि बलराम के खाते से मात्र 12 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। खगडिय़ा एसपी ने भी बताया कि जून से अब तक मात्र 12 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। खगडिय़ा एसपी के अनुसार बलराम ने जब बैंक से शिकायत की, तो बैंक द्वारा उनका खाता फ्रीज करने को लेकर अधिकतम लिमिट 99 करोड़ सेट किया। मतलब यह कि अगर इतनी राशि संबंधित एकाउंट में आती है, तो कोई निकाल नहीं सके। इसे बलराम 99 करोड़ का ट्रांजेक्शन समझ बैठा।
एक-एक खाते से एक दिन में कई दफा हुई निकासी
जयजयराम पासवान का भी ज्वाइंट एकाउंट पत्नी गेंडू देवी के साथ है। उनके खाता संख्या 31053857418 से विभिन्न तिथियों में एक ही दिन में कई-कई दफा निकासी हुई है। कुल सात लाख 65 हजार 96 रुपये की निकासी हुई है। उनके खाते से 28 अगस्त को 15 हजार, 10 हजार, तीन हजार और साढ़े चार हजार की निकासी हुई। 29 अगस्त को भी 21 हजार, पांच हजार और दस-दस हजार की निकासी हुई। 30 अगस्त को आठ हजार पांच सौ की निकासी की गई। 31 अगस्त को भी 10 हजार, 32 हजार, 10 हजार, 10 हजार, आठ हजार पांच सौ की निकासी की गई। इस ज्वाइंट खाते से आगे भी निकासी होती रही।
प्रिंस और अशोक शर्मा हैं मास्टर माइंड
इस मामले का मास्टरमाइंड बेगूसराय का प्रिंस और खगडिय़ा का अशोक शर्मा है। इसमें रहिमा के इंदु देवी की भी भूमिका सामने आई है। फिलहाल तीनों खगडिय़ा जेल में हैं।
साइबर क्राइम का उस्ताद है प्रिंस
प्रिंस साइबर क्राइम का उस्ताद माना जाता है। उसने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ बेगूसराय, बलिया आदि में भी 30-40 लोगों का खाता खुलवाया। उनमें एक मजदूर के खाते से कैनरा बैंक (हर्रख, बेगूसराय) से सात लाख 13 हजार 53 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। शक होने पर बैंक प्रबंधक अरुण कुमार राय ने नगर थाना, बेगूसराय में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद बेगूसराय पुलिस की ओर से प्रिंस समेत चार की गिरफ्तारी हुई।
बेगूसराय पुलिस के अनुसार बेगूसराय के चांदपुरा का निवासी प्रिंस साइबर क्राइम का मास्टर माइंड है। कांड के एक अन्य मास्टरमाइंड पटना निवासी उसके साथी की भी पुलिस को तलाश है।
इधर, खगडिय़ा पुलिस के अनुसंधान में सामने आया कि इस गैंग ने गाड़ी दिलाने के नाम पर यूपी में भी एक व्यक्ति को शिकार बनाया। जिस खाते पर रुपये मंगाए गए, वह अलौली के उत्तरी बोहरवा के किसी व्यक्ति का निकला। पुलिस ने जब पूछताछ की, तो पता चला कि प्रिंस और अशोक शर्मा ने उनसे पासबुक, आधार, एटीएम आदि ले लिए थे।
बैंककर्मियों की भूमिका पर भी पुलिस की नजर
बहरहाल जांच जारी है। खगडि़या की एसपी मीनू कुमारी ने बताया कि पीडि़तों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। प्रिंस और अशोक शर्मा को रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। बैंक कर्मियों की भूमिका पर भी निगाह है।
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