: बिहार न्यूज़ टीम
मुंगेर | बेरोजगार युवाओं को विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर पहले उनसे लाखों रुपये की ठगी की गई. इसके बाद उन्हें विदेश ले जा कर प्रताड़ित किया गया. वहां उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था. यह खुलासा उस समय हुआ जब मुंगेर के तारापुर SDPO रमेश कुमार को विदेश से मुक्त होकर तारापुर पहुंचे युवाओं ने अपनी पीड़ा सुनाई. गौरतलब है कि SDPO की पहल पर ही मलेशिया में फंसे रहे युवकों की वतन वापसी हो सकी है.
SDPO ने बताया कि तारापुर के रहने वाले अमित कुमार, मुंगेर के बनौधा के मोहम्मद फिरोज आलम, मोहम्मद इरफान , मोहम्मद मोहित, बाकरपुर के मोहम्मद तौसीफ और मोहम्मद सरफराज आलम को विदेश भेजने वाले एक एजेंट ने लाखों रुपये वेतन मिलने का लालच देकर मलेशिया भेज दिया. इन्हें झांसा दिया गया कि मलेशिया में मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिलेगा.
युवाओं को 40 हजार रुपये वेतन देने, रहने खाने की सुविधा देने, आठ घंटे ओवरटाइम काम करने पर 70 से 80 हजार रुपये प्रतिमाह तक आमदनी होने का भरोसा दिलाया. इन्हें कोलकाता से मलेशिया भेजा भी गया, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इनका वीजा सिंगापुर का बनाया गया था.
इसके बाद उन्हें क्वालालाम्पुर भेज दिया गया युवाओं को जिल्लत की जिंदगी जीने को मजबूर किया गया. तारापुर के निवास कुमार की शिकायत पर तारापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद लगातार दूतावास से पत्राचार किया गया. भारतीय दूतावास ने मामले को गंभीरता से लिया और सभी युवाओं को सकुशल स्वदेश लाया जा सका.
इस मामले में युवाओं से ठगी करने वाले एजेंट की गिरफ्तारी को लेकर छापामारी की जा रही है. बहरहाल पीड़ित युवाओं ने बताया कि इनलोगों से कोलकाता में मेडिकल कराने के नाम पर भी 5500 की वसूली की गई. जबकि एजेंट के द्वारा सभी 6 युवाओं को 10, 000 दिए गए थे. शर्त ये थी कि जब मलेशिया पहुंच जाएंगे तो नौकरी के लिए कार्ड बनाने वास्ते वहां के एजेंट को रुपये और पासपोर्ट जमा करना पड़ेगा.
पीड़ितों ने बतााया कि इन लोगों से घंटों काम कराया जाता था. पैसे मांगने पर लोहे के रॉड से पिटाई की जाती थी.कचरा उठाने, प्लास्टिक गलाने जैसे काम करवाए जाते थे. बकाया वेतन मांगने पर युवाओं की पिटाई की जाती थी.
No comments:
Post a Comment