: बिहार न्यूज़ टीम
भागलपुर | शिक्षा विभाग में फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे नौकरी पाने का गोरखधंधा जारी है। अब जिले के नैक मान्यता प्राप्त राजेन्द्र मिश्र कॉलेज में फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे बीएड विभाग का विभागाध्यक्ष बनने का मामला सामने आया है।
दरअसल बीएड संकाय के विभागाध्यक्ष के रूप में नौकरी पाने के लिए विधानचंद्र चौधरी ने तिलकामांझी विश्वविद्यालय का शिक्षा शास्त्र में पीएचडी की डिग्री दी है, जबकि तिलकामांझी विश्वविद्यालय ने शिक्षा शास्त्र में पीएचडी नहीं होने की बात कही है। हालांकि, कॉलेज प्रशासन के संज्ञान में मामला सामने आने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। उसके खिलाफ कॉलेज प्रशासन द्वारा रिपोर्ट भी दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है।
पीएचडी की डिग्री पर सवाल उठाये गये
वर्ष 2014 में कॉलेज के बीएड संकाय में बड़े पैमाने पर नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति के दौरान विभागाध्यक्ष पद के लिए विधानचंद्र चौधरी का चयन हुआ। बजाप्ता उन्होंने पिछले पांच सालों तक विभागाध्यक्ष के रूप में काम भी किया। उसके बाद आरटीआई में मांगी गई जानकारी में उनकी पीएचडी की डिग्री पर सवाल उठाये गये। बतौर कॉलेज प्रशासन तिलकामांझी विश्वविद्यालय ने इस तरह की डिग्री जारी करने की बात से ही इंकार कर दिया है। इसके बाद प्राचार्य डा. अनिलकांत मिश्र द्वारा उन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया।
प्राचार्य ने शनिवार को कॉलेज के बीएड गवर्निंग बॉडी की बैठक बुलाई, जिसमें विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डा. रामनरेश सिंह ने विभागध्यक्ष के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही। बैठक में सर्वसम्मनति से विश्वविद्यालय से अनुमति लेकर शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का फैसला लिया गया। बैठक में डा. राणाजयराम सिंह, डा. ललित नारायण मिश्र, डा. अमरनाथ चौधरी, डा. इंद्रकांत सहित अन्य मौजूद थे।
इस संबंध में राजेन्द्र मिश्र कॉलेज सहरसा के प्राचार्य डॉ. अनिलकांत मिश्र ने बताया कि विभागाध्यक्ष के प्रमाणपत्र में गड़बड़ी मिलने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ विश्वविद्यालय से अनुमति मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
No comments:
Post a Comment