: बिहार न्यूज़ टीम
पटना. कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने इमरजेंसी रेस्पांस और कॉर्डिनेशन टीम बनाई है।स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता गठित 16 सदस्यीय यह टीम कोरोना महामारी के लिए राज्य सरकार की कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करेगी। सदस्यीय के हर टीम को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई हैं।
क्या मिली है जिम्मेदारी?
यह टीम महामारी से लड़ने के लिए जरूरत के हिसाब से विशेष रणनीति बनाएगी और उस पर जल्द अमल करने का निर्देश् देगी। इसमें इसके फैलाब का पता लगाने, जांच करने,इसके डैग्नोसिस,सेग्रिग्रेशन और मेडिकल केयर की व्यवस्था पर ध्यान रखेगी। संकमित मरीज जिन्हें सर्विलांस पर रखा गया है उसपर विशेष घ्यान रखेगी।डॉक्टर,पारामेडिकल स्टाफ के ट्रेनिंग, जनजागरूकता अभियान और इससे सबंधित कानून बनाने के लिए सरकार को सलाह देगी।
किस अधिकारी क्या मिली जिम्मेदारी?
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव डॉ.कौशल किशोर को मेडिकल कॉलेज के साथ कॉर्डिनेशन की जिम्मेदरी दी गई हैं। जिसमें वे कोरोना संक्रमित मरीजों के अच्छी देखभाल, मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड की समुचित व्यवस्था और समय पर भी आंकड़ों आ अपग्रेड करना आदि है।वहीं अपर सचिव मनोज कुमार और जिला अस्पताल और सबडिविजनल अस्पताल के साथ कॉर्डिनेट करेंगे।
विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार को प्रायवेट हास्पिटल के साथ कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी गई है। अपर सचिव डॉ. राजीव कुमार को राज्य के सभी कोरोना टेस्टिंग संस्थान यथा आरएमआरआई, पीएमसीएच,डीएमसीएच, आईजीआईएमएस और 6 एनएबीएल से प्रमाणित लैब और मोबाइल सैंपल क्लेक्शन को देखेंगे। वहीं दवाओं की आपूर्ति और लाजिस्टिक की निगरानी बीएमएसआईसीएल के एमडी संजय कुमार सिंह देखेंगे।
क्यों पड़ी जरूरत?
कोरोना महामारी धीरे-धीरे विक्राल रूप में ले रहा है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस महामारी से लड़ने की प्रयास कर रही है। कई एहतियातन कदम उठाए गए हैं। फिर भी संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है। विदेश और दूसरे राज्यों से आने वाली बिहार के लोगों की भीड़ देखते हुए राज्य सरकार लगातार सतर्कता बरत रही हैं। उसके बाद भी लग रहा है कि इस बीमारी का फैलाब बढ़ेगा।
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