Tuesday, April 14, 2020

पटना : मां की मौत के 10 दिन बाद इंजीनियर बेटे ने की खुदकशी, बहन और पिता ने भी फांसी लगा दी थी जान

: बिहार न्यूज़ टीम 

पटना। बीमार मां की दस दिन पहले मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके इंजीनियर रोहित रंजन ने कमरे में फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। घटना रविवार की रात बुद्धा कॉलोनी थानांतर्गत दुजरा के पहलवान घाट स्थित घर में हुई। स्वजनों को सोमवार की सुबह जानकारी हुई। 

थानाध्यक्ष रविशंकर सिंह ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पूछताछ में मालूम हुआ कि रोहित का उसकी मां से काफी जुड़ाव था और उनकी मौत के बाद वह खुद को अकेला महसूस कर रहा था।

मां की मौत के बाद नौकरी छोड़ आ गया था घर

दुजरा निवासी 30 वर्षीय रोहित रंजन इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में नौकरी करता था। कुछ साल पहले उसकी बहन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। दो वर्ष पूर्व पिता शिवेंद्र नारायण प्रसाद ने भी इसी तरह जान दी थी। इसके कारण छह माह से रोहित की मां की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब रोहित दिल्ली की नौकरी छोड़कर घर आ गया और बीमार मां की सेवा करने लगा।

दस दिन पहले हुई थी मां की मौत

रोहित के बड़े भाई बेंगलुरु में रहते हैं, जबकि उनका परिवार भी दुजरा स्थित पुश्तैनी मकान में ही रहता है। करीब दस दिन पहले रोहित की बीमार मां का स्वर्गवास हो गया। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया था। लॉकडाउन के कारण उसके भाई भी पटना नहीं आ सके।

बंद की कुंडी और लगा ली फांसी

स्वजनों ने पूछताछ में बताया कि रविवार की रात रोहित कमरे में गया और अंदर से दरवाजे की कुंडी बंद कर ली। सोमवार की सुबह वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो घरवालों ने कमरे में झांककर देखा। कमरे में नायलॉन की रस्सी के सहारे पंखे की खूंटी से रोहित का शव लटक रहा था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस को घटना की इत्तिला दी।

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Tuesday, April 14, 2020

पटना : मां की मौत के 10 दिन बाद इंजीनियर बेटे ने की खुदकशी, बहन और पिता ने भी फांसी लगा दी थी जान

: बिहार न्यूज़ टीम 

पटना। बीमार मां की दस दिन पहले मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके इंजीनियर रोहित रंजन ने कमरे में फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। घटना रविवार की रात बुद्धा कॉलोनी थानांतर्गत दुजरा के पहलवान घाट स्थित घर में हुई। स्वजनों को सोमवार की सुबह जानकारी हुई। 

थानाध्यक्ष रविशंकर सिंह ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पूछताछ में मालूम हुआ कि रोहित का उसकी मां से काफी जुड़ाव था और उनकी मौत के बाद वह खुद को अकेला महसूस कर रहा था।

मां की मौत के बाद नौकरी छोड़ आ गया था घर

दुजरा निवासी 30 वर्षीय रोहित रंजन इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में नौकरी करता था। कुछ साल पहले उसकी बहन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। दो वर्ष पूर्व पिता शिवेंद्र नारायण प्रसाद ने भी इसी तरह जान दी थी। इसके कारण छह माह से रोहित की मां की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब रोहित दिल्ली की नौकरी छोड़कर घर आ गया और बीमार मां की सेवा करने लगा।

दस दिन पहले हुई थी मां की मौत

रोहित के बड़े भाई बेंगलुरु में रहते हैं, जबकि उनका परिवार भी दुजरा स्थित पुश्तैनी मकान में ही रहता है। करीब दस दिन पहले रोहित की बीमार मां का स्वर्गवास हो गया। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया था। लॉकडाउन के कारण उसके भाई भी पटना नहीं आ सके।

बंद की कुंडी और लगा ली फांसी

स्वजनों ने पूछताछ में बताया कि रविवार की रात रोहित कमरे में गया और अंदर से दरवाजे की कुंडी बंद कर ली। सोमवार की सुबह वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो घरवालों ने कमरे में झांककर देखा। कमरे में नायलॉन की रस्सी के सहारे पंखे की खूंटी से रोहित का शव लटक रहा था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने बुद्धा कॉलोनी थाने की पुलिस को घटना की इत्तिला दी।

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