पटना | स्वीडन से स्वाति पराशर ने ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मदद मांगी है। उनकी जमीन पर लाल झंडे लिए कुछ लोगों ने जबरन अतिक्रमण कर लिया है। जब पुलिस उसे हटाने के लिए पहुंची तो लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके और लाठी से वार किया। इसके बाद स्वाति ने सीएम से न्याय की गुहार लगाई थी। अब बिहार के मंत्री और जदयू नेता संजय कुमार झा ने उन्हें न्याय दिलाए जाने का भरोसा दिया है।
स्वाती के ट्वीट का जवाब देते हुए मंत्री संजय कुमार झा ने लिखा, 'स्वाति जी, आपका मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। मैंने मधुबनी के डीएम श्री अमित कुमार से बात की है और उनसे इस पर गौर करने को कहा है।'
इसका जवाब देते हुए स्वाति ने लिखा, 'ऐसा जन प्रतिनिधियों को आम लोगों को आश्वस्त करने के लिए करना चाहिए कि उन्हें सुना जा रहा है। थोड़ी राहत महसूस हुई। धन्यवाद संजय कुमार झा।'
स्वाति के पिता से जुड़ा मामला क्या है
स्वाति के पिता अरविंद झा मधुबनी के अपने पैतृक गांव लौटे हैं। उनके साथ उनके बेटे जो दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे, वो भी नौकरी छोड़कर गांव आ गए हैं। दोनों पिता-पुत्र पुश्तैनी जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग और मखाने का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। इसके जरिए वे स्थानीय लोगों को रोजगार देना चाहते हैं। पंडौल में उनकी लगभग 10 एकड़ जमीन है। इसपर दबंगों ने कब्जा कर रखा है।
कौन हैं प्रोफेसर स्वाति पराशर
स्वाति पराशर की परवरिश रांची में हुई है क्योंकि उनके पिता वहां पदस्थापित थे। हालांकि उनका जन्म मधुबनी जिले में ही हुआ है। वे इन दिनों स्वीडन के गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। स्वाति स्कूल ऑफ ग्लोबल स्टडीज में शांति और विकास विषय पढ़ाती हैं। इससे पहले वे आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं। इसके अलावा वे कई मुद्दों पर स्टोरी लिखती रहती हैं खासकर की महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर।
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