Tuesday, June 19, 2018

बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट से पहले 42 हजार कॉपियां गायब, हेडमास्टर गिरफ्तार


By: बिहार न्यूज़ टीम 


पटना.टॉपर घोटाला से लेकर रिजल्ट में गड़बड़ी तक। विवादों में रहने वाला बिहार बोर्ड फिर नए विवाद में फंस गया है। मैट्रिक का रिजल्ट आने से पहले ही मूल्यांकन केंद्र बनाए गए स्कूल से करीब 42 हजार मैट्रिक की कॉपियां गायब हो गई है। मामला गोपालगंज स्थित एसएस प्लस टु हाईस्कूल का है। स्कूल के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने स्कूल के एक कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। हालांकि, बाद में पूछताछ करने के बाद मंगलवार को पुलिस ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।

मैट्रिक की कॉपियों के 213 बैग हैं गायब

पुलिस के मुताबिक, एसएस प्लस टू हाई स्कूल, गोपालगंज से मैट्रिक की कॉपियों के 213 बैग गायब हैं। इनमें हिन्दी के 13, राष्ट्रभाषा हिन्दी के 3, उर्दू के 1, अंग्रेजी के 14, एससी के 115, गणित के 16 व एसएससी के 50 बैग शामिल हैं। एक बैग में 200 छात्रों की आंसर शीट होती हैं।

इसके साथ ही एडवांस गणित की 61 व इकोनॉमिक्स की 44 आंसर शीट स्कूल से गायब हैं। मामला तब प्रकाश में आया जब प्रिंसिपल ने स्कूल के कर्मचारियों पर चोरी का शक जताते हुए पुलिस में शिकायत की।

मंगलवार को स्कूल प्रिंसिपल को पटना स्थित बोर्ड कार्यालय (बीएसईबी) बुलाया गया। उनसे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।

सुनियोजित षड्यंत्र के तहत बोर्ड की छवि बिगाड़ने की हो रही कोशिश : आनंद किशोर

गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस 2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मूल्यांकन केंद्र से 42 हजार से अधिक कॉपियों के गायब होने के मामले में बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है समिति की छवि खराब करने के लिए या सुनियोजित षड्यंत्र के तहत इसे अंजाम दिया गया है। इसमें कुछ लोग शामिल हैं। हालांकि, मूल्यांकित कॉपियों के गायब होने से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला। इसलिए बोर्ड को तथा राज्य को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया लगता है।

उन्होंने कहा कि कॉपियों के गायब होने के मामले में रिजल्ट पर असर से लेकर टॉपरों पर असर होने की बात सामने आ रही है, ये बातें गलत हैं। जो भी कॉपियां गायब हुई हैं, वे मूल्यांकित कॉपियां हैं। इसलिए इन कॉपियों के नहीं रहने के कारण किसी भी छात्र या छात्रा के रिजल्ट पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा इस मामले का बोर्ड ने संज्ञान लिया है। स्थानीय स्तर पर छानबीन भी हो रही है। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही दोषी को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई होगी।


प्रिंसिपल से लेकर शिक्षक, कर्मचारी तक संदेह के घेरे में

आनंद किशोर ने कहा कि इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव से लेकर स्कूल के सभी शिक्षक व नॉन टीचिंग स्टाफ संदेह के घेरे में हैं। इन सबकी भूमिका की जांच की जा रही है। मंगलवार को डीएम एसपी ने उस केंद्र का निरीक्षण भी किया है, जहां से कॉपियां गायब हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल ने रात्रि प्रहरी और आदेशपाल को नामांकित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है।

बिहार बोर्ड ने जिलाधिकारी और एसपी से मांगी रिपोर्ट

गोपालगंज के मूल्यांकन केंद्र से कॉपियों के गायब होने के मामले में बिहार बोर्ड ने गोपालगंज के डीएम व एसपी से जांच रिपोर्ट मांगी है। बोर्ड अध्यक्ष ने डीएम व एसपी को मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। बारकोडेड एवं मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं की रिकवरी करने तथा दोषी कर्मियों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी समिति की ओर से दिया गया है।

बता दें कि गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जो मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों की जांच के लिए मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था। इस केंद्र के स्ट्रांग रूम से 213 बैग उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गया है। इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।

बोर्ड का दावा- रिजल्ट पर नहीं पड़ेगा असर

बिहार बोर्ड ने दावा किया है कि एसएस बालिका प्लस 2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मूल्यांकन केंद्र से कॉपियों के गायब होने के बाद भी रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बोर्ड ने कहा कि मूल्यांकन के बाद विद्यार्थियों के कॉपियों पर दर्ज किये हुए अंकों को अवार्डशीट, मार्क्स फ्वॉयल पर अंकित किया गया। मूल्यांकित कॉपियों पर विद्यार्थियों को प्रदान किए गए अंक अवार्डशीट, मार्क्स फ्वॉयल के रूप में समिति को पूर्व में ही प्राप्त हो गए हैं। स्पष्ट है कि मूल्यांकन केंद्र एसएस बालिका प्लस2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोपालगंज के स्ट्रांग रूम से 213 बैग उत्तरपुस्तिकाओं के गायब होने से रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा टॉप10 सूची या उनके सत्यापन पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे मैट्रिक टॉपर सूची पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।

न स्ट्रांग रूम का ताला टूटा और न सेंधमारी हुई, फिर भी कॉपियां कैसे गायब हो गईं

एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्ट्रांग रूम में जो ताला पहले लगा था, वही अब भी लगा है। यानी ताला नहीं तोड़ा गया और न ही सेंधमारी हुई। ताले की एक चाबी प्राचार्य और दूसरी आदेशपाल छट्टू सिंह के पास थी। जिस तरह से चोरी हुई, उससे कयास लगाया जा रहा है कि ताले को असली या नकली चाबी से खोलकर कॉपियों को गायब कर स्ट्रांग रूम बंद कर दिया गया।

बिहार बोर्ड ने भले की मैट्रिक रिजल्ट घोषित करने की तिथि एक सप्ताह बढ़ा कर तत्काल आने वाली परेशानियों से खुद को बचाने की कोशिश की है। पर जानकारों का कहना है कि अगर चोरी गई कॉपियां नहीं मिलेंगी तो बोर्ड की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। पहली परेशानी तो यह होगी कि जिन परीक्षार्थियों की हिंदी, एनएलएच, उर्दू, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, साइंस, मैथ, एडवांस मैथ, अर्थशास्त्र की कॉपियां चोरी हो गई हैं और उनमें कई छात्र फेल कर गए या उन्हें संतोषजनक नंबर नहीं मिले तो बोर्ड कैसे इनके आवेदन देने पर स्क्रूटिनी करेगा। कहीं किसी ने कम नंबर आने पर कोर्ट में केस कर दिया तो बोर्ड कैसे उनकी कॉपी कोर्ट में पेश कर यह बताने की हालत में होगा कि कॉपी का मूल्यांकन सही हुआ है। गोपालगंज पुलिस को मैट्रिक का रिजल्ट घोषित होने से पहले गायब हुई कॉपियों को बरामद कर लेना होगा।

कॉपियां कहीं टॉपरों की तो नहीं हैं?

स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि बोर्ड ने दो-दो कॉपियां छह विषयों की मांगी थी। खोजबीन की गई तो 12 में से नौ कॉपियां मिली जिसे बोर्ड के कर्मियों के हवाले कर दिया गया। कयास लगाया जा रहा है कि जो 12 कॉपियां बोर्ड ने स्कूल के प्राचार्य से मांगी थीं, वह कहीं टॉपरों की तो नहीं हैं। तीन कॉपियां नहीं मिली हैं।

कहीं कबाड़ी में बेच दी गई या फिर साजिश हुई

मामले की जांच करने के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। एसआईटी यह बताने की हालत में नहीं है कि कि इन गायब हुई कापियों को किसी ने कबाड़ी में बेच दिया या फिर परीक्षा माफियाओं या किसी स्कूल के कर्मी की कोई गहरी साजिश है। यह जांच के बाद खुलासा होगा। एसआईटी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि काॅपी कब चोरी हुईं।

सुबह से शाम तक गहमागहमी

गोपालगंज से मैट्रिक की कॉपियों के गायब होने का मामला सामने आने के बाद बिहार बोर्ड में गहमागहमी रही। बिहार बोर्ड के सारे अधिकारी व कर्मचारी सुबह से देर रात तक बिहार बोर्ड में ही रहे। कई दौर की बैठकें भी हुईं।

प्रिंसिपल ने कहा- फंसाया जा रहा

बिहार बोर्ड से पुलिस प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को लेकर निकल रही थी। इस दौरान उन्होंने बस इतना कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।

संघ ने कहा- कॉपियों की सुरक्षा के लिए बोर्ड है जिम्मेदार

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार बोर्ड द्वारा गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस 2 उच्च माध्यमिक स्कूल से गायब हुई मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का दोष स्कूल के प्राचार्य पर मढ़ने पर ऐतराज जताया है। 

संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार बोर्ड अपनी जवाबदेही से हमेशा भागता रहा है। उसका दोष दूसरे के मत्थे मढ़ने की परंपरा बनाती रही। इस पूरे मामले में पूरी जवाबदेही बिहार बोर्ड की बनती है। बोर्ड मैट्रिक व इंटर की मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं को वर्षों-वर्षों तक बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के विद्यालयों में छोड़ देता है और किसी प्रकार की घटना होने पर इसकी जवाबदेही दूसरे के मत्थे मढ़ देता है। एक तो विद्यालयों में पहले से ही पठन-पाठन के लिए कमरों का अभाव है, ऊपर से वर्षों तक कॉपियों के वहां छोड़े जाने से पठन-पाठन पर भी प्रभाव पड़ता है। राज्य के अधिकतर विद्यालयों में आदेशपाल और रात्रि प्रहरी नहीं है। ऐसे में विद्यालयों के प्राचार्य द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा व्यवस्था कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि लगातार राज्य के युवाओं एवं प्रतिभाओं के साथ बोर्ड द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री पूरे मामले में हस्तक्षेप करें और निष्पक्ष जांच करवाएं।

रिजल्ट से पहले कॉपियां क्यों चोरी?

बोर्ड सूत्रों के मुताबिक, एसएस प्लस टु स्कूल से चोरी हुई कॉपियों के बारे में सटीक तौर पर कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन, शंका है कि कॉपियों में नंबर देने में हेराफेरी की गई है।

वहीं, पुलिस का कहना है कि कॉपी गायब होने के मामले में केंद्र के कर्मचारी शक के दायरे में हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

बोर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को डर है कि यदि किसी छात्र ने आरटीआई के तहत कॉपी मांग ली तो फिर मुसीबत बढ़ जाएगी।

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Tuesday, June 19, 2018

बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट से पहले 42 हजार कॉपियां गायब, हेडमास्टर गिरफ्तार


By: बिहार न्यूज़ टीम 


पटना.टॉपर घोटाला से लेकर रिजल्ट में गड़बड़ी तक। विवादों में रहने वाला बिहार बोर्ड फिर नए विवाद में फंस गया है। मैट्रिक का रिजल्ट आने से पहले ही मूल्यांकन केंद्र बनाए गए स्कूल से करीब 42 हजार मैट्रिक की कॉपियां गायब हो गई है। मामला गोपालगंज स्थित एसएस प्लस टु हाईस्कूल का है। स्कूल के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने स्कूल के एक कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। हालांकि, बाद में पूछताछ करने के बाद मंगलवार को पुलिस ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।

मैट्रिक की कॉपियों के 213 बैग हैं गायब

पुलिस के मुताबिक, एसएस प्लस टू हाई स्कूल, गोपालगंज से मैट्रिक की कॉपियों के 213 बैग गायब हैं। इनमें हिन्दी के 13, राष्ट्रभाषा हिन्दी के 3, उर्दू के 1, अंग्रेजी के 14, एससी के 115, गणित के 16 व एसएससी के 50 बैग शामिल हैं। एक बैग में 200 छात्रों की आंसर शीट होती हैं।

इसके साथ ही एडवांस गणित की 61 व इकोनॉमिक्स की 44 आंसर शीट स्कूल से गायब हैं। मामला तब प्रकाश में आया जब प्रिंसिपल ने स्कूल के कर्मचारियों पर चोरी का शक जताते हुए पुलिस में शिकायत की।

मंगलवार को स्कूल प्रिंसिपल को पटना स्थित बोर्ड कार्यालय (बीएसईबी) बुलाया गया। उनसे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।

सुनियोजित षड्यंत्र के तहत बोर्ड की छवि बिगाड़ने की हो रही कोशिश : आनंद किशोर

गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस 2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मूल्यांकन केंद्र से 42 हजार से अधिक कॉपियों के गायब होने के मामले में बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है समिति की छवि खराब करने के लिए या सुनियोजित षड्यंत्र के तहत इसे अंजाम दिया गया है। इसमें कुछ लोग शामिल हैं। हालांकि, मूल्यांकित कॉपियों के गायब होने से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला। इसलिए बोर्ड को तथा राज्य को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया लगता है।

उन्होंने कहा कि कॉपियों के गायब होने के मामले में रिजल्ट पर असर से लेकर टॉपरों पर असर होने की बात सामने आ रही है, ये बातें गलत हैं। जो भी कॉपियां गायब हुई हैं, वे मूल्यांकित कॉपियां हैं। इसलिए इन कॉपियों के नहीं रहने के कारण किसी भी छात्र या छात्रा के रिजल्ट पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा इस मामले का बोर्ड ने संज्ञान लिया है। स्थानीय स्तर पर छानबीन भी हो रही है। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही दोषी को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई होगी।


प्रिंसिपल से लेकर शिक्षक, कर्मचारी तक संदेह के घेरे में

आनंद किशोर ने कहा कि इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव से लेकर स्कूल के सभी शिक्षक व नॉन टीचिंग स्टाफ संदेह के घेरे में हैं। इन सबकी भूमिका की जांच की जा रही है। मंगलवार को डीएम एसपी ने उस केंद्र का निरीक्षण भी किया है, जहां से कॉपियां गायब हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल ने रात्रि प्रहरी और आदेशपाल को नामांकित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है।

बिहार बोर्ड ने जिलाधिकारी और एसपी से मांगी रिपोर्ट

गोपालगंज के मूल्यांकन केंद्र से कॉपियों के गायब होने के मामले में बिहार बोर्ड ने गोपालगंज के डीएम व एसपी से जांच रिपोर्ट मांगी है। बोर्ड अध्यक्ष ने डीएम व एसपी को मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। बारकोडेड एवं मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं की रिकवरी करने तथा दोषी कर्मियों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी समिति की ओर से दिया गया है।

बता दें कि गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जो मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों की जांच के लिए मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था। इस केंद्र के स्ट्रांग रूम से 213 बैग उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गया है। इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।

बोर्ड का दावा- रिजल्ट पर नहीं पड़ेगा असर

बिहार बोर्ड ने दावा किया है कि एसएस बालिका प्लस 2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मूल्यांकन केंद्र से कॉपियों के गायब होने के बाद भी रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बोर्ड ने कहा कि मूल्यांकन के बाद विद्यार्थियों के कॉपियों पर दर्ज किये हुए अंकों को अवार्डशीट, मार्क्स फ्वॉयल पर अंकित किया गया। मूल्यांकित कॉपियों पर विद्यार्थियों को प्रदान किए गए अंक अवार्डशीट, मार्क्स फ्वॉयल के रूप में समिति को पूर्व में ही प्राप्त हो गए हैं। स्पष्ट है कि मूल्यांकन केंद्र एसएस बालिका प्लस2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गोपालगंज के स्ट्रांग रूम से 213 बैग उत्तरपुस्तिकाओं के गायब होने से रिजल्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा टॉप10 सूची या उनके सत्यापन पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे मैट्रिक टॉपर सूची पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।

न स्ट्रांग रूम का ताला टूटा और न सेंधमारी हुई, फिर भी कॉपियां कैसे गायब हो गईं

एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्ट्रांग रूम में जो ताला पहले लगा था, वही अब भी लगा है। यानी ताला नहीं तोड़ा गया और न ही सेंधमारी हुई। ताले की एक चाबी प्राचार्य और दूसरी आदेशपाल छट्टू सिंह के पास थी। जिस तरह से चोरी हुई, उससे कयास लगाया जा रहा है कि ताले को असली या नकली चाबी से खोलकर कॉपियों को गायब कर स्ट्रांग रूम बंद कर दिया गया।

बिहार बोर्ड ने भले की मैट्रिक रिजल्ट घोषित करने की तिथि एक सप्ताह बढ़ा कर तत्काल आने वाली परेशानियों से खुद को बचाने की कोशिश की है। पर जानकारों का कहना है कि अगर चोरी गई कॉपियां नहीं मिलेंगी तो बोर्ड की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। पहली परेशानी तो यह होगी कि जिन परीक्षार्थियों की हिंदी, एनएलएच, उर्दू, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, साइंस, मैथ, एडवांस मैथ, अर्थशास्त्र की कॉपियां चोरी हो गई हैं और उनमें कई छात्र फेल कर गए या उन्हें संतोषजनक नंबर नहीं मिले तो बोर्ड कैसे इनके आवेदन देने पर स्क्रूटिनी करेगा। कहीं किसी ने कम नंबर आने पर कोर्ट में केस कर दिया तो बोर्ड कैसे उनकी कॉपी कोर्ट में पेश कर यह बताने की हालत में होगा कि कॉपी का मूल्यांकन सही हुआ है। गोपालगंज पुलिस को मैट्रिक का रिजल्ट घोषित होने से पहले गायब हुई कॉपियों को बरामद कर लेना होगा।

कॉपियां कहीं टॉपरों की तो नहीं हैं?

स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि बोर्ड ने दो-दो कॉपियां छह विषयों की मांगी थी। खोजबीन की गई तो 12 में से नौ कॉपियां मिली जिसे बोर्ड के कर्मियों के हवाले कर दिया गया। कयास लगाया जा रहा है कि जो 12 कॉपियां बोर्ड ने स्कूल के प्राचार्य से मांगी थीं, वह कहीं टॉपरों की तो नहीं हैं। तीन कॉपियां नहीं मिली हैं।

कहीं कबाड़ी में बेच दी गई या फिर साजिश हुई

मामले की जांच करने के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। एसआईटी यह बताने की हालत में नहीं है कि कि इन गायब हुई कापियों को किसी ने कबाड़ी में बेच दिया या फिर परीक्षा माफियाओं या किसी स्कूल के कर्मी की कोई गहरी साजिश है। यह जांच के बाद खुलासा होगा। एसआईटी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि काॅपी कब चोरी हुईं।

सुबह से शाम तक गहमागहमी

गोपालगंज से मैट्रिक की कॉपियों के गायब होने का मामला सामने आने के बाद बिहार बोर्ड में गहमागहमी रही। बिहार बोर्ड के सारे अधिकारी व कर्मचारी सुबह से देर रात तक बिहार बोर्ड में ही रहे। कई दौर की बैठकें भी हुईं।

प्रिंसिपल ने कहा- फंसाया जा रहा

बिहार बोर्ड से पुलिस प्रिंसिपल प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को लेकर निकल रही थी। इस दौरान उन्होंने बस इतना कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।

संघ ने कहा- कॉपियों की सुरक्षा के लिए बोर्ड है जिम्मेदार

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार बोर्ड द्वारा गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस 2 उच्च माध्यमिक स्कूल से गायब हुई मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का दोष स्कूल के प्राचार्य पर मढ़ने पर ऐतराज जताया है। 

संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार बोर्ड अपनी जवाबदेही से हमेशा भागता रहा है। उसका दोष दूसरे के मत्थे मढ़ने की परंपरा बनाती रही। इस पूरे मामले में पूरी जवाबदेही बिहार बोर्ड की बनती है। बोर्ड मैट्रिक व इंटर की मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं को वर्षों-वर्षों तक बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के विद्यालयों में छोड़ देता है और किसी प्रकार की घटना होने पर इसकी जवाबदेही दूसरे के मत्थे मढ़ देता है। एक तो विद्यालयों में पहले से ही पठन-पाठन के लिए कमरों का अभाव है, ऊपर से वर्षों तक कॉपियों के वहां छोड़े जाने से पठन-पाठन पर भी प्रभाव पड़ता है। राज्य के अधिकतर विद्यालयों में आदेशपाल और रात्रि प्रहरी नहीं है। ऐसे में विद्यालयों के प्राचार्य द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा व्यवस्था कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि लगातार राज्य के युवाओं एवं प्रतिभाओं के साथ बोर्ड द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री पूरे मामले में हस्तक्षेप करें और निष्पक्ष जांच करवाएं।

रिजल्ट से पहले कॉपियां क्यों चोरी?

बोर्ड सूत्रों के मुताबिक, एसएस प्लस टु स्कूल से चोरी हुई कॉपियों के बारे में सटीक तौर पर कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन, शंका है कि कॉपियों में नंबर देने में हेराफेरी की गई है।

वहीं, पुलिस का कहना है कि कॉपी गायब होने के मामले में केंद्र के कर्मचारी शक के दायरे में हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

बोर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को डर है कि यदि किसी छात्र ने आरटीआई के तहत कॉपी मांग ली तो फिर मुसीबत बढ़ जाएगी।

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