By: बिहार न्यूज़ टीम
पटना | समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। श्रीमती वर्मा बुधवार को दोपहर दो बजे मुख्यमंत्री आवास 1, अणे मार्ग जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौंपा। मंत्री पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में पति का नाम आने के आरोप के बाद इसके लिए लगातार दबाव पड़ रहा था। समझा जाता है कि इसी दबाव के कारण उन्होंने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। हालांकि बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस्तीफा देने के लिए सरकार की ओर से किसी प्रकार के दबाव से इनकार किया। कहा कि वह मुख्यमंत्री से विमर्श के लिए गईं थीं। उसी दौरान अपना लिखित इस्तीफा उनको सौंप दिया। .
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण कांड का मामला सामने आने के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए था। बताया जाता है कि सरकार में शामिल रहीं इकलौती महिला मंत्री से इस्तीफा लेने के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की कोर कमेटी के दो सदस्यों के साथ ही कुशवाहा समुदाय के नेताओं से भी इस मसले पर विमर्श किया। बताया जाता है कि लगभग डेढ़-दो घंटे चली दोनों बैठकों के बाद सहमति बनी कि समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा से इस्तीफा ले लिया जाए। .
तेजस्वी, राबड़ी पर मानहानि का केस करूंगी :
श्रीमती वर्मा ने कहा कि विपक्ष किसी सफेदपोश व रसूखदार शख्स को बचाने के लिए लगातार उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाए हुए था। उनके पति निर्दोष हैं और बाद में भी निर्दोष साबित होंगे। तब मैं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ ही आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मानहानि का केस करूंगी। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड मामले में आरोपी बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन की पत्नी द्वारा आरोप लगाया गया था कि समाज कल्याण मंत्री के पति चंद्रशेखर वर्मा भी बालिका गृह में आते-जाते थे। मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले को लेकर समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली मंजू वर्मा ने न्यायालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर पूरा भरोसा जताया।
मेरे पति निर्दोष हैं- मंजू वर्मा
इस्तीफे के कुछ ही देर बाद ही अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंजू वर्मा ने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं। नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगातार बेवजह आरोप लगाने के बाद पूरे मामले की जांच की अनुशंसा सरकार ने सीबीआई जैसी स्वच्छ एजेंसी से की। इसकी निगरानी पटना हाईकोर्ट कर रहा है। मुझे सीबीआई व हाईकोर्ट पर पूरा भरोसा है। कहा कि सीबीआई की एक कॉल डिटेल रिकॉर्ड का हवाला देकर उनसे इस्तीफा देने की मांग की जा रही थी। विपक्ष व मीडिया इस्तीफा को लेकर हाय-तौबा मचा रहा था। हमलोग राजनीतिक व सामाजिक जीवन से जुड़े हैं, ऐसे में सभी लोगों का फोन रिसीव होता है और बात होती है।
सीबीआई और उच्च न्यायालय से गुहार लगाती हूं कि बातचीत का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाए। अगर सिर्फ बातचीत के आधार पर मेरे पति दोषी हैं, तो जो भी अन्य लोगों ने ब्रजेश ठाकुर से बातचीत की, वे सभी भी दोषी हैं। ब्रजेश की सिर्फ मेरे पति चंद्रशेखर वर्मा से ही बात होती थी या और लोगों से भी, इसकी जानकारी भी सार्वजनिक हो। - मंजू वर्मा.
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