: बिहार न्यूज़ टीम
सासाराम | एसबीआई के सामने भीड़-भाड़ से भरे पुरानी जीटी रोड पर अपराधियों ने दिनदहाड़े रेलवे के रुपए की लूट की घटना के बाद भीड़ इतनी गुस्से में थी कि उसने एक आरोपी को पीट-पीटकर मार डाला। मंगलवार को रेलकर्मी रुपए जमा कराने एसबीआई मुख्य शाखा आए थे। यहां उन पर तीन अपराधियों ने कैश लूटने की कोशिश की थी। अशोक कुमार सिंह, शैलेश कुमार और कार चालक चंदन ने शोर मचाना शुरू किया तो आसपास की भीड़ अपराधियों पर टूट पड़ी।
पहले से खड़ी अपाची मोटरसाइकिल पर तीनों अपराधी बैठकर भागने ही वाले थे कि सबसे पीछे बैठा पंकज गिरि भीड़ के हाथ लग गया। लोगों ने बाइक से खींचकर उसे सड़क पर पटक दिया। लोगों ने इतनी पिटाई की कि वह अधमरा हो गया। टाउन और मॉडल पुलिस ने पंकज गिरि को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। उसकी मौत हो गई। 24 लाख 78 हजार रुपए से भरे बैग को रेलकर्मी ने उन हालत में बचाया जब अपराधियों ने फायरिंग करने के साथ बट से मारकर सिर फाेड़ दिया था। सिर से बहते खून के बीच अशोक सिंह बैग के बेल्ट को हाथ में लपेटकर अपराधियों से जूझते रहे।
इसी बीच आसपास खड़ी भीड़ अपराधियों पर टूटी तो एक अपराधी ने पिस्टल जमीन पर फायर किया। गोली बगल में खड़ी महिला लालो कुंअर के पैर में जा लगी। वह सड़क पर गिर पड़ी। भीड़ के हत्थे चढ़े कुख्यात पंकज गिरि बीच सड़क पर पड़ा था। सैकड़ों लोग पीटते रहे। किसी ने लात-घुसों से पिटाई की, तो किसी ने पत्थर मारकर लहुलुहान कर दिया था।
अपराधियों की गोली से घायल लालो कुंअर।
पंकज गिरि की जेब से मिला कारतूस लेकिन गायब है नाइन एमएम का पिस्टल
भीड़ की पिटाई से मारे गए पंकज गिरि की जेब से पुलिस ने 9 एमएम की एक गोली बरामद की है, परंतु पिस्टल नहीं मिल पाया। तीनों अपराधी फायरिंग कर रहे थे। नाै चक्र गोलियां चलाई थीं। पंकज गिरि के हाथ में भी एक पिस्तौल था।
15 वर्षोंं का आपराधिक इतिहास रहा है पंकज गिरि का
15 वर्ष पहले अपराध जगत में कदम रखने वाले पंकज की गिरफ्तारी के लिए रोहतास पुलिस आजमगढ़ (उप्र) तक गई थी। गया डीआईजी विनय कुमार (जो तत्कालीन बिक्रमगंज एएसपी थे) ने बताया रोहतास में सक्रिय अपराधियों में सुनील नागर व पंकज गिरि प्रमुख थे। सुनील की गिरफ्तारी कर ली थी। पंकज भाग निकला था। पंकज शिवसागर रिलायंस पेट्रोल पंप, एलआईसी सहित कई बड़े लूटकांडों में शामिल था। पंकज पर 15 से ज्यादा हत्याएं, फिरौती के लिए अपहरण के मामले रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, झारखंड के गढ़वा, यूपी के आजमगढ़ आदि जिलों में दर्ज हैं।
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