Wednesday, September 12, 2018

बंद के दौरान हिंसा करने वालों पर और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर किये गये हमले पर होगी सख्त कार्रवाई: सीएम नीतीश कुमार


: बिहार न्यूज़ टीम 

पटना| एक अणे मार्ग में छह घंटे तक विधि-व्यवस्था की मैराथन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक बिंदु पर सभी से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री सभी प्रमंडलीय आयुक्त, डीआईजी, डीएम और एसपी से मुखातिब थे। वहीं मुख्यालय के आलाधिकारी साथ में बैठे थे। 

इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अधिकारीयों को निर्देश दिया कि पुलिस पर हमला और बंद के दौरान हिंसा करने वालों पर सख्त और त्वरित कार्रवाई करें। बालू माफिया, भू माफिया और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर किये गये हमले पर मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की और कहा कि यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है। कानून का राज स्थापित करना राज्य सरकार का संवैधानिक दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा दूसरे थाने का मामला बता कर पीड़िता को लौटाएं नहीं। कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को दूसरे थाने का मामला बताकर उसे लौटाने की बजाए मामला दर्ज कर उसे संबंधित थाने में रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।


सांप्रदायिक मामलों में जल्द सजा दिलायें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का विश्लेषण करें। आखिर क्या कारण है कि जिन स्थानों पर पहले तनाव की घटनाएं हुआ करती थीं, वहां इसमें काफी कमी आई है। वहीं नई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसी जगहों का डीएम और एसपी को भ्रमण कर शांति समिति के लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए। दशहरा और मुहर्रम का त्योहार करीब है। इसको देखते हुए अभी से क्षेत्रीय अधिकारियों सतर्क करें। मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह विभाग के प्रधान सचिव सभी जिलाधिकारियों के साथ इस संबंध में बात करें। ऐसी घटनाओं में त्वरित ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में तेजी से काम करें। इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए, चाहे वह कोई भी क्यों न हो। 

अनुसंधान और विधि-व्यवस्था अलग

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विधि व्यवस्था और केसों के अनुसंधान को अलग-अलग करने के प्रावधान अविलंब सुनिश्चित करें। 2006 में जनता दरबार कार्यक्रम के बाद 2016 में लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू किया गया। इसमें यह देखा गया कि बिहार में 60 फीसदी से अधिक मामले भूमि विवाद से जुड़े हैं। इसका समाधान सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस के काम में लगे लोगों द्वारा सही जानकारी दिये जाने पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक का दुरुपयोग कर वाहनों के फर्जी कागजात बनाने वाले रैकेटियरों को चिह्नित कर उन पर पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। 

बैठक में अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था में सुधार, आर्थिक अपराध, लूट, हत्या, दुष्कर्म, रेल व बैंक डकैती, वाहन चोरी, वायरल वीडियो, एससी-एसटी के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं समेत कई मुद्दों पर समीक्षा की गई। पुलिस मुख्यालय ने अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था के संधारण के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। 

आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006 में बिहार में तीन तरह के थाने चिह्नित कर प्रत्येक थाने में रिवॉल्विंग फंड की व्यवस्था की गई थी, जो हर हाल में उपलब्ध होना चाहिए, ताकि समय पर जरूरत की चीजों को खरीदा जा सके। थाने से लेकर आईजी कार्यालय तक कितने वाहनों की आवश्यकता है, इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करें। कितने अपराध हो रहे हैं, इसके साथ यह भी देखें कि किस तरह के अपराध हो रहे हैं। इसका विश्लेषण करें। राष्ट्रीय स्तर पर जो नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, उसे भी देखें। तय समय सीमा में एफएसएल जांच का काम पूरा हो। 

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि प्रत्येक थाने में दूरभाष की सुविधा, थाने की कार्य कुशलता का अनुश्रवण, वारंटों का न्यायालय से मिलान कर मॉनिटरिंग, हर थाने में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर और आईटी सेटअप की सुविधा, प्रत्येक थाने में दो वाहन की व्यवस्था, थाने में आगंतुकों के बैठने की व्यवस्था, थाना प्रभारी को सहयोग करने के लिए हर थाने में एक थाना मैनेजर, थाने में ऑनलाइन प्रविष्टियां करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई अविलम्ब की जाए।

समीक्षा बैठक में डीजीपी केएस दिवेदी, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा, मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार सहित राज्य पुलिस मुख्यालय के सभी वरीय अधिकारी तथा सभी प्रक्षेत्रों के आईजी मौजूद थे।

No comments:

Post a Comment

Wednesday, September 12, 2018

बंद के दौरान हिंसा करने वालों पर और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर किये गये हमले पर होगी सख्त कार्रवाई: सीएम नीतीश कुमार


: बिहार न्यूज़ टीम 

पटना| एक अणे मार्ग में छह घंटे तक विधि-व्यवस्था की मैराथन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक बिंदु पर सभी से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री सभी प्रमंडलीय आयुक्त, डीआईजी, डीएम और एसपी से मुखातिब थे। वहीं मुख्यालय के आलाधिकारी साथ में बैठे थे। 

इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अधिकारीयों को निर्देश दिया कि पुलिस पर हमला और बंद के दौरान हिंसा करने वालों पर सख्त और त्वरित कार्रवाई करें। बालू माफिया, भू माफिया और अन्य असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर किये गये हमले पर मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की और कहा कि यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है। कानून का राज स्थापित करना राज्य सरकार का संवैधानिक दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा दूसरे थाने का मामला बता कर पीड़िता को लौटाएं नहीं। कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को दूसरे थाने का मामला बताकर उसे लौटाने की बजाए मामला दर्ज कर उसे संबंधित थाने में रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।


सांप्रदायिक मामलों में जल्द सजा दिलायें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का विश्लेषण करें। आखिर क्या कारण है कि जिन स्थानों पर पहले तनाव की घटनाएं हुआ करती थीं, वहां इसमें काफी कमी आई है। वहीं नई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसी जगहों का डीएम और एसपी को भ्रमण कर शांति समिति के लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए। दशहरा और मुहर्रम का त्योहार करीब है। इसको देखते हुए अभी से क्षेत्रीय अधिकारियों सतर्क करें। मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह विभाग के प्रधान सचिव सभी जिलाधिकारियों के साथ इस संबंध में बात करें। ऐसी घटनाओं में त्वरित ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में तेजी से काम करें। इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए, चाहे वह कोई भी क्यों न हो। 

अनुसंधान और विधि-व्यवस्था अलग

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विधि व्यवस्था और केसों के अनुसंधान को अलग-अलग करने के प्रावधान अविलंब सुनिश्चित करें। 2006 में जनता दरबार कार्यक्रम के बाद 2016 में लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू किया गया। इसमें यह देखा गया कि बिहार में 60 फीसदी से अधिक मामले भूमि विवाद से जुड़े हैं। इसका समाधान सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस के काम में लगे लोगों द्वारा सही जानकारी दिये जाने पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक का दुरुपयोग कर वाहनों के फर्जी कागजात बनाने वाले रैकेटियरों को चिह्नित कर उन पर पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। 

बैठक में अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था में सुधार, आर्थिक अपराध, लूट, हत्या, दुष्कर्म, रेल व बैंक डकैती, वाहन चोरी, वायरल वीडियो, एससी-एसटी के विरुद्ध आपराधिक घटनाओं समेत कई मुद्दों पर समीक्षा की गई। पुलिस मुख्यालय ने अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था के संधारण के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। 

आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006 में बिहार में तीन तरह के थाने चिह्नित कर प्रत्येक थाने में रिवॉल्विंग फंड की व्यवस्था की गई थी, जो हर हाल में उपलब्ध होना चाहिए, ताकि समय पर जरूरत की चीजों को खरीदा जा सके। थाने से लेकर आईजी कार्यालय तक कितने वाहनों की आवश्यकता है, इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करें। कितने अपराध हो रहे हैं, इसके साथ यह भी देखें कि किस तरह के अपराध हो रहे हैं। इसका विश्लेषण करें। राष्ट्रीय स्तर पर जो नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, उसे भी देखें। तय समय सीमा में एफएसएल जांच का काम पूरा हो। 

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि प्रत्येक थाने में दूरभाष की सुविधा, थाने की कार्य कुशलता का अनुश्रवण, वारंटों का न्यायालय से मिलान कर मॉनिटरिंग, हर थाने में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर और आईटी सेटअप की सुविधा, प्रत्येक थाने में दो वाहन की व्यवस्था, थाने में आगंतुकों के बैठने की व्यवस्था, थाना प्रभारी को सहयोग करने के लिए हर थाने में एक थाना मैनेजर, थाने में ऑनलाइन प्रविष्टियां करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई अविलम्ब की जाए।

समीक्षा बैठक में डीजीपी केएस दिवेदी, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा, मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार सहित राज्य पुलिस मुख्यालय के सभी वरीय अधिकारी तथा सभी प्रक्षेत्रों के आईजी मौजूद थे।

No comments:

Post a Comment

Download Bihar Today App