: बिहार न्यूज़ टीम
बिहार | सुरक्षा अलर्ट के बाद नक्सल प्रभावित गया जिले (Gaya District) में पुलिस और अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) ने सर्च अभियान तेज कर दिया है. इस दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ करने वाला नामजद नक्सली दिनेश पासवान (Naxalites Dinesh Paswan) गिरफ्तार हुआ है. उसकी गिरफ्तारी डुमरिया थाना के कोल्हूबार पंचायत के सिद्धपुर गांव स्थित राजकेल थान मंदिर के पास से हुई है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए डुमरिया के थानाध्यक्ष विद्या प्रसाद यादव (Vidya Prasad Yadav) ने बताया कि थाना की पुलिस सीआरपीएफ 153 और कोबरा 205 बटालियन की टीम एक साथ कई गांव की गश्ती पर निकली थी और इसी दौरान उन्हें दिनेश पासवान के बारे में गुप्त सूचना मिली. जबकि पुलिस की गाड़ी देखते ही दिनेश पासवान भागने लगा. इसके बाद सुरक्षबलों ने काफी दूर तक पीछा कर उसे पकड़ लिया.
पांच साल से था फरार
गिरफ्तार दिनेश पासवान कई नाम से प्रसिद्ध है. नक्सली संगठन ने भ्रम फैलाने के लिए उसका नाम सोनेश जी उर्फ दिनेश जी उर्फ डेंजर उर्फ बहिरा उर्फ टाइगर रखा हुआ है. वह डुमरिया के पनकारा पंचायत के सिमरी गांव का निवासी है और वह पुलिस से छुपकर किसी मिशन पर जा रहा था. गिरफ्तार आरोपी पर डुमिरया थाना में 13/14 मामले दर्ज हैं, जिसमें डुमरिया छकरबंधा पंचायत के कोकना में सीआरपीएफ और कोबरा की टीम के साथ सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ हुई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे. उस समय दिनेश अपने साथियों के साथ भागने में कामयाब रहा था, लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी.
हालांकि गिरफ्तार दिनेश एक पुराने नक्सली कांड में 2012 में जेल भी जा चुका है और तत्काल उस मामले में वह कोर्ट से जमानत पर बाहर आ गया. इसके बाद वह फिर से सक्रिय हो गया और 2104 में वह पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल था.
सुरक्षाबलों के एक्शन के बाद कमजोर हुए नक्सली
गिरफ्तार दिनेश पासवान का गांव समेत यह पूरा इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. एक समय में इस इलाके में इसकी तूती बोलती थी, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ, कोबरा, एसएसबी जैसी अर्धसैनिक कंपनियां लगाए जाने के बाद नक्सली काफी कमजोर हुए हैं. सच कहा जाए तो उन्हें भागने और छिपने के ज्यादा मौके नहीं मिल पा रहे हैं और इसी वजह से नक्सली पुलिस की गिरफ्त में आ रहे हैं.
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